ऑपरेशन सिंदूर':भारतीय सेना का पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार।

 ऑपरेशन सिंदूर':भारतीय सेना का पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार।

22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई, PoK सहित पाकिस्तान के भीतर 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक।

कटनी, ग्रामीण खबर mp:

भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर अभूतपूर्व और सटीक एयरस्ट्राइक की। यह सैन्य कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस भीषण आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप की गई, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों—जिनमें भारतीयों के साथ-साथ नेपाली नागरिक भी शामिल थे—की दर्दनाक मृत्यु हुई थी

भारतीय सेना की इस कार्रवाई को अब तक की सबसे सुनियोजित, तकनीकी रूप से उन्नत और रणनीतिक सैन्य प्रतिक्रिया माना जा रहा है। इस अभियान में भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों की अहम भूमिका रही, जिन्हें सटीक निशाने और उच्च तकनीक यंत्रों से लैस किया गया था। वायुसेना के साथ थलसेना और नौसेना ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई, जिससे यह एक त्रिस्तरीय और समन्वित सैन्य ऑपरेशन बन गया।

ऑपरेशन का मूल उद्देश्य पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के उन गुप्त अड्डों को नष्ट करना था, जहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण, हथियार और वित्तीय सहायता मिल रही थी। इन संगठनों ने ही पहलगाम में हुए हमले की साजिश रची थी। भारत की खुफिया एजेंसियों ने इन ठिकानों की जानकारी पहले ही इकट्ठा कर ली थी, जिसे बाद में सटीक निर्देशांक में बदलकर वायुसेना को सौंपा गया।

हमले के निशाने पर मुख्यतः कोटली, बहावलपुर, मुजफ्फराबाद और मुरिदके जैसे इलाके थे, जो लंबे समय से आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बने हुए थे। भारत सरकार ने ऑपरेशन के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह एक लक्षित सैन्य अभियान था, जिसमें केवल आतंकी ढांचों को ही निशाना बनाया गया, न कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य संस्थान को।

पाकिस्तान की ओर से इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। वहां की सरकार ने इसे ‘युद्ध की कार्यवाही’ करार दिया और दावा किया कि हमले में 8 नागरिकों की मृत्यु हुई है तथा 35 घायल हुए हैं। साथ ही, उन्होंने दो भारतीय फाइटर जेट्स को मार गिराने का भी दावा किया है, हालांकि भारत ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है।

इस ऑपरेशन ने केवल भारत और पाकिस्तान के संबंधों में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में भी हलचल पैदा कर दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को जायज़ ठहराया है लेकिन साथ ही यह भी आग्रह किया है कि स्थिति को और न बिगाड़ा जाए।

कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत ने इस ऑपरेशन के ज़रिए यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब कोई भी आतंकी हमला केवल निंदा और कूटनीतिक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसका निर्णायक सैन्य उत्तर दिया जाएगा। यह नीति भारत की ‘जीरो टॉलरेंस टू टेरर’ नीति का स्पष्ट उदाहरण है।

ऑपरेशन सिंदूर को 2019 में बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक के बाद भारत की सबसे व्यापक और सटीक सैन्य कार्रवाई माना जा रहा है। इसने न केवल पाकिस्तान के भीतर आतंक के ढांचे को हिला कर रख दिया है, बल्कि भारत की वैश्विक सैन्य क्षमता का भी प्रदर्शन किया है।

सीमावर्ती इलाकों में इस वक्त हाई अलर्ट जारी है। नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एयरबेस और प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात कर दी गई है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि पाकिस्तान की ओर से कोई जवाबी कार्रवाई होती है, तो भारत पूरी तरह से तैयार है।

इस घटनाक्रम के बाद भारत की कूटनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। विदेश मंत्रालय ने विभिन्न देशों के दूतावासों को ब्रीफ किया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने भी इस विषय को लेकर संवाद शुरू कर दिया है

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह रेखांकित किया है कि भारत अब सुरक्षा मामलों में रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक और निर्णायक रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में यह देखने योग्य होगा कि पाकिस्तान और वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया किस दिशा में जाती है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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