विदिशा जिला जेल में कैदियों के लिए आधार पंजीयन की अनूठी पहल, 30 बंदियों को मिला डिजिटल पहचान का अधिकार।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता की विशेष पहल पर जेल परिसर में आधार नामांकन केंद्र की स्थापना, बंदियों को जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम।
विदिशा,ग्रामीण खबर mp:
जिला प्रशासन द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने की दिशा में एक अनुकरणीय पहल की गई है। कलेक्टर अंशुल गुप्ता की पहल पर विदिशा जिला जेल में आधार कार्ड पंजीयन हेतु विशेष व्यवस्था की गई, जिससे बंदियों को उनकी डिजिटल पहचान सुलभ कराई जा सके।
जिला जेल के अधीक्षक पीडी श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस व्यवस्था के तहत लोक सेवा प्रबंधन की सहायता से जेल परिसर में आधार नामांकन मशीन स्थापित की गई है। इस मशीन के माध्यम से आज जेल में निरुद्ध 30 बंदियों के आधार कार्ड बनाए गए, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं, बैंक खातों की सुविधा, पारिवारिक दस्तावेजों की वैधता जैसे अनेक कार्यों में मदद मिल सकेगी।
यह पहल केवल एक दस्तावेज बनवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से उन व्यक्तियों को सामाजिक पहचान दिलाने का प्रयास किया गया है जो वर्तमान में अपनी स्वतंत्रता से वंचित हैं। यह कदम जेल सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जिससे बंदियों के पुनर्वास की राह और अधिक सुलभ हो सकेगी।
इस कार्य में लोक सेवा प्रबंधक की टीम ने तत्परता से काम किया और जेल प्रशासन का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में शेष कैदियों के भी आधार पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि कई बार जेल में निरुद्ध बंदियों के पास पहचान पत्र नहीं होते, जिससे उनके परिजनों को दस्तावेज संबंधी कार्यों में बाधा आती है। अब आधार कार्ड बनने से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी। साथ ही, कैदियों की सामाजिक पुनर्प्रवेश की प्रक्रिया भी मजबूत होगी।
ग्रामीण खबर एमपी के विशेष संवाददाता हाकम सिंह रघुवंशी के अनुसार, यह पहल न केवल कैदियों के लिए उपयोगी साबित होगी, बल्कि समाज को यह संदेश भी देगी कि सुधार की दिशा में हर व्यक्ति को अवसर मिलना चाहिए। जिला प्रशासन की यह कोशिश भविष्य में राज्य की अन्य जेलों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।