दत्तक ग्रहण से पहले अंतिम प्रयास: सकीना और हसन के जैविक माता-पिता की तलाश जारी, 30 दिन में करें संपर्क।

 दत्तक ग्रहण से पहले अंतिम प्रयास: सकीना और हसन के जैविक माता-पिता की तलाश जारी, 30 दिन में करें संपर्क।

महिला एवं बाल विकास विभाग की अपील, विधिक प्रक्रिया से पहले दस्तावेजों सहित उपस्थित हों अभिभावक।

विदिशा,ग्रामीण खबर एमपी:

किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत दो नाबालिग बच्चों — एक बालिका और एक बालक — को विधिक रूप से दत्तक ग्रहण के लिए मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इससे पूर्व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक सार्वजनिक अपील जारी की गई है, जिसमें उन बच्चों के संभावित जैविक माता-पिता, परिजन या वैधानिक अभिभावकों से 30 दिन की समयावधि में दस्तावेजों सहित संपर्क करने को कहा गया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत सिंह राजपूत के अनुसार, जिन दो बच्चों की बात की जा रही है, उनमें पहली है बालिका सकीना, जिसकी उम्र लगभग दस वर्ष है। यह बालिका 16 जनवरी 2024 को विदिशा रेलवे स्टेशन से चाइल्ड लाइन और एसजेपीयू (स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट) के माध्यम से प्राप्त हुई थी। बालिका की विशेष शारीरिक पहचान यह है कि वह एक आंख से तिरछा देखती है।

दूसरा बालक हसन है, जिसकी आयु लगभग पांच वर्ष है। बालक की शारीरिक स्थिति सामान्य है और उसकी आंखों का रंग काला है। उसे भी 16 जनवरी 2024 को विदिशा रेलवे स्टेशन से चाइल्ड लाइन एवं एसजेपीयू के माध्यम से प्राप्त किया गया था। हसन की विशेष पहचान यह है कि उसकी बाईं आंख के पास एक तिल मौजूद है।

इन दोनों बच्चों को संस्था नित्य सेवा सोसायटी, पीपलनेर, भोपाल में रखा गया है, जहां से इनके दत्तक ग्रहण की विधिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। यदि कोई व्यक्ति स्वयं को इन बच्चों का जैविक अभिभावक मानता है या इस संबंध में कोई जानकारी रखता है, तो उसे 30 दिवस की निर्धारित समय सीमा में संस्था के अधीक्षक महेन्द्र दवे से कार्यालयीन दिनों और समय में संपर्क कर दस्तावेजों सहित उपस्थिति देनी होगी।

संपर्क के लिए मोबाइल नम्बर 8349591960 और ईमेल आईडी [nityasevapiplner@gmail.com](mailto:nityasevapiplner@gmail.com) पर सूचना दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त, महिला एवं बाल विकास विभाग, विदिशा के जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत सिंह राजपूत से भी मोबाइल नम्बर 9399639499 पर संपर्क किया जा सकता है।

इस संबंध में अधिक जानकारी विभाग के नवीन कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कम्पोजिट भवन में संचालित जिला कार्यालय में कार्यालयीन अवधि के दौरान प्राप्त की जा सकती है।

यदि नियत समय सीमा में कोई भी अभिभावक या परिजन सामने नहीं आता, तो बालिका सकीना और बालक हसन को विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत दत्तक ग्रहण हेतु मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। यह निर्णय बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए लिया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने समाज से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति इन बच्चों के बारे में कुछ भी जानता हो या उनके परिवार से संबंधित कोई जानकारी दे सकता हो, तो वह तत्काल संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें, ताकि यदि संभव हो तो बच्चों को उनके असली परिवार से मिलाया जा सके।


रिपोर्ट: मायावती अहिरवार, जिला सह ब्यूरो चीफ, ग्रामीण खबर एमपी, विदिशा।

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