गोसलपुर में होगा भव्य जिनालय और संत निवास का शिलान्यास।
30 अप्रैल को श्री दिगम्बर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र में होगा भूमि पूजन, बालब्रह्मचारी जिनेश भैयाजी और विद्वान अमित जी शास्त्री करेंगे मंगलाचार।
गोसलपुर:
श्री दिगम्बर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र गोसलपुर में 30 अप्रैल को प्रातः 8 बजे एक विशेष और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन का शुभारंभ होने जा रहा है। इस दिन क्षेत्र में एक भव्य जिनालय एवं संत निवास का भूमि पूजन और शिलान्यास विधिवत रूप से संपन्न किया जाएगा। यह आयोजन न केवल गोसलपुर, बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस पावन अवसर पर प्रतिष्ठाचार्य के रूप में बालब्रह्मचारी जिनेश भैयाजी, गुरुकुल जबलपुर से विशेष रूप से पधारेंगे और वे पूजन विधियों का संचालन करेंगे। उनके साथ युवा विद्वान अमित जी शास्त्री, जबलपुर से अपनी वाणी के माध्यम से धर्मसभा को ज्ञानवर्धक बनाएंगे। दोनों ही विद्वानों की उपस्थिति से आयोजन की गरिमा में चार चांद लगेंगे।
इस भव्य आयोजन का पुण्य कार्य पुर्न्याजक परिवर बाहुबली चेरिटेबल ट्रस्ट कोलकाता द्वारा संपन्न किया जा रहा है। ट्रस्ट का उद्देश्य धर्म, सेवा और संस्कारों के संवर्धन के साथ समाज में धार्मिक चेतना का विस्तार करना है। आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था श्री दिगम्बर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र, श्री दिगम्बर जैन समाज गोसलपुर एवं विद्यासागर सेवा आश्रम समिति गोसलपुर के संयुक्त प्रयास से की जा रही है।
तीनों संस्थाओं ने संयुक्त रूप से समस्त जैन समाज एवं धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे इस पुण्य अवसर पर परिवार सहित अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ प्राप्त करें। इस आयोजन के माध्यम से एक ऐसे दिव्य परिसर की नींव रखी जा रही है, जो आने वाले समय में न केवल धार्मिक आराधना का केंद्र बनेगा, बल्कि संतों के प्रवास और समाज के नैतिक उत्थान का आधार भी सिद्ध होगा।
समिति ने बताया कि बाहर से पधारने वाले समस्त अतिथियों के लिए भोजन एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं, जिससे कोई भी श्रद्धालु असुविधा का अनुभव न करे। आयोजन में ग्रामीण अंचलों सहित नगरों से भी श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में शामिल होने की संभावना है, जिससे क्षेत्र का धार्मिक और सामाजिक महत्व और अधिक बढ़ेगा।
यह आयोजन न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धार्मिक धरोहर के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा। जिनालय का निर्माण जहां आत्मा की शुद्धि का माध्यम बनेगा, वहीं संत निवास धर्मसंघ की स्थायी उपस्थिति का केंद्र बनेगा।
गोसलपुर की यह पहल निश्चित ही क्षेत्र को नयी धार्मिक ऊँचाइयों तक ले जाएगी और जैन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर सिद्ध होगी।