एमएसपी, बेरोजगारी, मनरेगा और गरीबों के आवास पर बजट फेल: करण सिंह चौहान।
मध्यप्रदेश को बजट से कुछ खास नहीं मिला?
कटनी,मध्यप्रदेश:
कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने केंद्रीय बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट बेरोजगारी, महंगाई और अर्थव्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर कोई ठोस समाधान पेश नहीं करता। देश में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर कोई ठोस योजना पेश नहीं की।
बेरोजगारी: सबसे बड़ा संकट, लेकिन बजट में कोई हल नहीं:
चौहान ने कहा कि देश में युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन बजट में उनके लिए किसी भी नई नौकरी सृजन योजना का ऐलान नहीं किया गया। उन्होंने कहा, _"अगर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, तो सबसे पहले रोजगार के नए अवसर पैदा करने होंगे। लेकिन यह बजट बेरोजगारों के लिए किसी राहत की बात नहीं करता।"_
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब देश के युवा नौकरियों की मांग कर रहे थे, तब सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल दिखा रही थी। असल में नौकरियों की स्थिति बेहद खराब है और सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
किसानों को सिर्फ वादे, एमएसपी पर कोई स्पष्ट योजना नहीं:
चौहान ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी जामा पहनाने का वादा किया गया था, लेकिन बजट में इस पर कोई चर्चा तक नहीं हुई। उन्होंने कहा, _"जब सरकार ने किसानों से एमएसपी की गारंटी देने का वादा किया था, तो उसे बजट में भी इसका ऐलान करना चाहिए था। लेकिन यहां भी किसानों को सिर्फ झूठे वादे ही मिले हैं।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किए गए।
बजट में सिर्फ बिहार, बाकी राज्यों की अनदेखी?
चौहान ने बजट में क्षेत्रीय असंतुलन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, _"क्या आपने वित्त मंत्री के भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना? बिहार में चुनाव हैं, इसलिए बजट में सिर्फ बिहार ही नजर आ रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों को इस बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सिर्फ चुनावी राज्यों को ही बजट में प्राथमिकता मिलेगी? और बाकी राज्यों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा? यह केंद्र की विकास नीति पर सवाल खड़ा करता है।
मनरेगा और गरीबों के आवास पर सरकार की चुप्पी:
चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है, लेकिन इस बजट में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, _"मनरेगा जैसी योजनाएं गांवों में गरीबों को रोजगार देने के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन इस बजट में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए घर देने की कोई नई योजना नहीं है। जबकि लाखों लोग अब भी आवास योजना के लाभ से वंचित हैं।
महंगाई और अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं:
करण सिंह चौहान ने कहा कि बढ़ती महंगाई आम जनता की कमर तोड़ रही है, लेकिन बजट में इसे कम करने की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। उन्होंने कहा, _"पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार के पास महंगाई रोकने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है, लेकिन बजट में इसे सुधारने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं पेश की गई। सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि देश की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है।
. मध्यप्रदेश को इस बजट में क्या मिला?
चौहान ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस बजट में मध्यप्रदेश के लिए कोई विशेष योजना नहीं रखी गई। उन्होंने कहा,"यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन और जनविरोधी है। ना इसमें रोजगार की बात है, ना किसानों की चिंता है, ना गरीबों के लिए कोई राहत है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा या उद्योग के क्षेत्र में कोई बड़ी परियोजना नहीं मिली, जिससे यह साफ है कि केंद्र सरकार ने राज्य के साथ अन्याय किया है।
. यह बजट आम जनता के लिए निराशाजनक:
करण सिंह चौहान ने कहा कि यह बजट आम जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। इसमें ना तो बेरोजगारों के लिए राहत है, ना किसानों के लिए कोई ठोस योजना, ना ही गरीबों के लिए कोई राहत पैकेज। यह बजट पूरी तरह से जनविरोधी और दिशाहीन है।