कुठला थाना क्षेत्र में बुजुर्ग महिला के साथ पंच ने की मारपीट,दी जान से मारने की धमकी।

 कुठला थाना क्षेत्र में बुजुर्ग महिला के साथ पंच ने की मारपीट,दी जान से मारने की धमकी।

60 वर्षीय बिमला देवी ने पंच अरुण अवस्थी और उसके साले मोनू पर लगाया आरोप,पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट,अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी।

कटनी,ग्रामीण खबर MP।

कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने गांव के सामाजिक माहौल को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला बिमला देवी ने गांव के ही पंच अरुण अवस्थी और उसके साले मोनू पर गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिमला देवी ने कुठला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि बीते दिनों उनके बेटे के काम को लेकर अरुण अवस्थी और मोनू उनके घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पहले तो उनके बेटे के कार्य को लेकर विवाद शुरू किया, फिर अचानक गाली-गलौज पर उतर आए। बिमला देवी ने जब इसका विरोध किया, तो दोनों आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

पीड़िता के अनुसार, जब बीच-बचाव करने उनकी बहुएं ललिता और नीलू पहुंचीं, तो उनके साथ भी अपशब्द कहे गए और अभद्रता की गई। घटना के बाद बिमला देवी डर के साये में हैं और उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।

घटना की जानकारी मिलते ही कुठला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने बिमला देवी की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है, लेकिन अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि मामला अदम मिजाज पाया गया है, इसलिए पीड़ित पक्ष को एनसीआर काटकर न्यायालय जाने की सलाह दी गई है।

ग्रामीणों का कहना है कि पंच पद पर आसीन व्यक्ति से गांव के लोग न्याय की उम्मीद रखते हैं, लेकिन जब वही व्यक्ति विवादों में घिर जाता है तो समाज का संतुलन बिगड़ता है। कई ग्रामीणों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं पंचायत व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।

बिमला देवी ने कहा कि वे कई वर्षों से गांव में शांति से रह रही थीं, लेकिन अब डर के कारण अपने ही घर में असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से आग्रह किया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें और उनके परिवार को न्याय मिल सके।

गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने भी इस प्रकरण को गंभीर बताते हुए कहा कि किसी बुजुर्ग महिला के साथ इस तरह की घटना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी निंदनीय है। उन्होंने प्रशासन से अपेक्षा जताई कि पीड़िता को सुरक्षा प्रदान की जाए और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।

इस घटना के बाद गांव में चर्चा का माहौल है। कई लोग इसे पंचायत व्यवस्था की विफलता का उदाहरण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे निजी विवाद से जुड़ा मामला मान रहे हैं। फिलहाल पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बिमला देवी के बेटे का गांव में ठेकेदारी से जुड़ा कुछ काम है, जिससे संबंधित विवाद को लेकर दोनों पक्षों में पहले भी मतभेद रहे हैं। हालांकि, इस बार स्थिति हिंसा तक पहुंच गई, जिससे महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से काफी आघात पहुंचा है।

गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पंच जैसी जिम्मेदार स्थिति में बैठे लोग भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग करेंगे, तो आम नागरिकों के लिए न्याय की उम्मीद करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस तरह के मामलों को उदाहरण बनाकर दोषियों को दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर समझने की भूल न करे।

फिलहाल कुठला थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। पीड़िता और उसका परिवार लगातार न्याय की उम्मीद में पुलिस थाने के चक्कर लगा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले को संवेदनशीलता से लेते हुए निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके और गांव में शांति और विश्वास का माहौल कायम हो सके।

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