लाड़ली बहनों को मिला खुशियों का तोहफा,मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिवनी से जारी की 30वीं किस्त।
1.26 करोड़ बहनों के खातों में पहुंचे 1857 करोड़ रुपये,अब हर माह 1500 रुपये मिलेंगे,महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल।
सिवनी,ग्रामीण खबर MP।
मध्यप्रदेश की धरती पर सोमवार का दिन महिलाओं के लिए बेहद खास बन गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिवनी जिले से राज्य की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना की 30वीं किस्त जारी की। इस दौरान उन्होंने एक क्लिक के माध्यम से प्रदेश की 1.26 करोड़ बहनों के खातों में 1857 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। इस बार प्रत्येक लाभार्थी बहन को 1500 रुपये की राशि दी गई, जो पहले 1250 रुपये थी। दीपावली के बाद प्रदेश की महिलाओं को यह राशि ‘सरकार की सौगात’ के रूप में मिली, जिससे पूरे प्रदेश में हर्ष और उल्लास का माहौल दिखाई दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह राशि किसी पर दया नहीं, बल्कि प्रत्येक बहन का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना केवल आर्थिक सहयोग की योजना नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान, स्वाभिमान और आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी बहन आर्थिक रूप से कमजोर न रहे और हर घर में आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखी जाए।
कार्यक्रम सिवनी जिले में भव्य रूप से आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री के साथ बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हजारों लाभार्थी महिलाएं मौजूद थीं। प्रदेश के सभी जिलों, ब्लॉकों और पंचायतों में भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें महिलाओं ने मुख्यमंत्री के संबोधन को सुना और खुशी का इजहार किया। कई स्थानों पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के चित्रों पर फूल बरसाए और योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जब कोई बहन आर्थिक रूप से सशक्त होती है तो उसका पूरा परिवार मजबूत होता है, और जब परिवार मजबूत होते हैं, तो समाज और राष्ट्र भी सशक्त बनता है। उन्होंने कहा कि यह योजना किसी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और महिला सशक्तिकरण की भावना से प्रेरित है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले महीनों में सरकार लाड़ली बहनों के लिए कई नई योजनाएं लाने जा रही है। इनमें छोटे व्यवसायों के लिए बिना ब्याज ऋण, स्वरोजगार के अवसर और कौशल विकास प्रशिक्षण शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह योजना केवल राशि देने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि महिलाओं को “रोजगार और सम्मान” दोनों से जोड़ने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि 2023 में जब लाड़ली बहना योजना की शुरुआत हुई थी, तब हर पात्र महिला को 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे। बाद में इसे 1250 रुपये किया गया और अब 1500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा निभाया है और आगे भी यह राशि परिस्थितियों के अनुसार बढ़ाई जाएगी ताकि महिलाएं महंगाई के दौर में सहज जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि इस योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं समान रूप से लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की 1.26 करोड़ बहनों के बैंक खातों में सीधे राशि ट्रांसफर हो रही है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लाभार्थी बहनों से संवाद भी किया। कई महिलाओं ने बताया कि इस योजना ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। किसी ने कहा कि अब वह अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा पा रही हैं, तो किसी ने बताया कि उन्होंने इस राशि से छोटा व्यापार शुरू किया है। एक महिला ने कहा कि “पहले दूसरों के सामने हाथ फैलाना पड़ता था, अब हम खुद अपने पैरों पर खड़े हैं।”
सिवनी में आयोजित कार्यक्रम में माहौल उत्सव जैसा था। मंच पर मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिगण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। हर जिले से बहनों ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया और कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री के नाम धन्यवाद संदेश भेजे।
लाड़ली बहना योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की वे महिलाएं पात्र हैं, जिनकी पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है और परिवार में कोई सरकारी नौकरी या आयकर दाता नहीं है। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जिन बहनों के खातों में राशि नहीं पहुंची है, वे ई-केवाईसी पूरी कर लें ताकि आने वाली किस्तों में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि लाड़ली बहनों की यह योजना एक ऐसी प्रेरणा बने, जिसे देश के अन्य राज्य भी अपनाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की महिलाएं अब आत्मनिर्भर भारत की नींव हैं और आने वाला समय उनका है।
प्रदेश के कई जिलों से आई रिपोर्टों के अनुसार, लाड़ली बहनों के खाते में राशि आने के बाद स्थानीय बाजारों में भी रौनक देखी गई। महिलाओं ने कहा कि सरकार ने सच में उनकी चिंता की है और अब वे अपने परिवार के भविष्य को लेकर अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रही हैं।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा — “लाड़ली बहनों की मुस्कान ही प्रदेश की पहचान है। यह योजना हमारी माताओं, बहनों और बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प है। अब कोई बहन अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगी, क्योंकि सरकार उसके साथ है।”
लाड़ली बहना योजना अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का जनांदोलन बन चुकी है। हर नई किस्त के साथ महिलाओं की खुशियां, आत्मविश्वास और सम्मान का स्तर बढ़ता जा रहा है। यह योजना मध्यप्रदेश की महिलाओं के जीवन में स्थायी परिवर्तन की कहानी बन चुकी है — एक ऐसी कहानी, जिसमें सम्मान, आत्मनिर्भरता और उम्मीद की नई सुबह हर महीने दस्तक देती है।
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