लाल किला ब्लास्ट से दहली दिल्ली,NIA जांच में फिदायीन हमले की आशंका,आठ मौतें,देशभर में हाई अलर्ट।
Hyundai i20 कार में हुआ भीषण धमाका,विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट से भी अधिक शक्तिशाली,आतंकी साजिश के तार फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक।
नई दिल्ली,ग्रामीण खबर MP।
देश की राजधानी दिल्ली 10 नवंबर की शाम उस वक्त दहशत में आ गई जब ऐतिहासिक लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक सफेद रंग की Hyundai i20 कार में अचानक भीषण धमाका हो गया। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास खड़ी तीन अन्य गाड़ियां जलकर खाक हो गईं और मेट्रो स्टेशन के बाहर अफरा-तफरी मच गई। लोगों के चेहरों पर दहशत साफ झलक रही थी। कई लोगों ने कार के भीतर से आग की लपटें उठते देखीं और कुछ सेकंडों में पूरा इलाका धुएं से ढक गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम करीब 6:50 बजे के आसपास ट्रैफिक धीमा था और तभी अचानक जोरदार विस्फोट हुआ। धमाके की आवाज करीब दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई। आसपास की दुकानों के शीशे चटक गए और सड़क पर मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ ही देर में पुलिस, दमकल और एम्बुलेंस की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया और घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया। अब तक आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि बीस से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें कई की हालत नाजुक है।
इस भीषण हादसे के बाद पूरे देश में सनसनी फैल गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी। प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार धमाके में जिस विस्फोटक का प्रयोग किया गया, वह सामान्य अमोनियम नाइट्रेट नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक शक्तिशाली मिश्रण था, जो उच्च तीव्रता वाला विस्फोट उत्पन्न कर सकता है।
घटनास्थल से फॉरेंसिक टीमों ने धातु के टुकड़े, सर्किट चिप्स, बैटरी सेल और टाइमर डिवाइस जैसे कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं बल्कि योजनाबद्ध आतंकी हमला था। एनआईए ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, आईबी और फॉरेंसिक लैब के साथ मिलकर बहुआयामी जांच शुरू कर दी है।
CCTV फुटेज में सामने आया है कि धमाके से लगभग ग्यारह घंटे पहले यही कार फरीदाबाद से दिल्ली आई थी। फुटेज में सुबह करीब आठ बजे इसे बदरपुर बॉर्डर पार करते देखा गया है। पूरे दिन यह कार राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में घूमती रही और शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ी होकर विस्फोट हुआ। अब यह पता लगाया जा रहा है कि कार को कौन चला रहा था और वह व्यक्ति अभी कहां है। वाहन का रजिस्ट्रेशन फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल के कर्मचारी के नाम पर मिला है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
फरीदाबाद के जिस क्षेत्र से कार आई थी, वहां जांच एजेंसियों ने कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद की हैं — इनमें डिटोनेटर, तारों के गुच्छे, मोबाइल सर्किट बोर्ड और कुछ हस्तलिखित नोट शामिल हैं। एक मोबाइल फोन की डेटा रिकवरी से कश्मीर के श्रीनगर में पिछले महीने लगाए गए कुछ पोस्टरों से समानता पाई गई है, जिन पर उग्रवादी संदेश लिखे थे। इससे यह आशंका गहराती जा रही है कि दिल्ली ब्लास्ट के पीछे किसी बड़े आतंकी मॉड्यूल का हाथ हो सकता है, जिसके तार जम्मू-कश्मीर तक फैले हुए हैं।
एनआईए सूत्रों का कहना है कि यह हमला किसी “स्लीपर सेल” की सक्रियता का नतीजा हो सकता है। एजेंसियों को यह भी शक है कि यह कार किसी बड़े कार्यक्रम, संभवतः गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रयोग की जानी थी, लेकिन किसी तकनीकी गलती के कारण समय से पहले विस्फोट हो गया। यह संभावना इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि धमाके में प्रयुक्त विस्फोटक की मात्रा और उसकी पावर गणतंत्र दिवस जैसे बड़े आयोजन के लिए उपयुक्त बताई जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) और Explosives Act के तहत FIR दर्ज की है। फिलहाल एनआईए ने घटनास्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक विशेषज्ञ टीम जांच में जुटी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमाके की दिशा, लपटों की ऊंचाई और ध्वनि की तीव्रता से यह “हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट” प्रतीत होता है, जिसमें भारी मात्रा में विस्फोटक का प्रयोग हुआ।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य खुफिया एजेंसियों की संयुक्त बैठक बुलाई। उन्होंने साफ कहा कि “इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति या संगठन को बख्शा नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
इस बीच दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से कड़ा कर दिया गया है। लाल किला, इंडिया गेट, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, मेट्रो स्टेशन, बस अड्डे, मॉल्स और प्रमुख बाजारों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। गाड़ियों की सघन जांच हो रही है, विशेष रूप से उन वाहनों की जो बिना नंबर प्लेट या असामान्य रूप से संशोधित दिखाई देते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों से पुलिस ने अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या वाहन की सूचना तुरंत 100 या 112 नंबर पर दें। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचने और केवल सरकारी सूचना पर भरोसा करने की सलाह दी गई है।
जांच एजेंसियां अब इस हमले के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में पाकिस्तान स्थित दो आतंकवादी संगठनों के डिजिटल ट्रेस मिले हैं, जिनकी पुष्टि साइबर विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है। इन संगठनों का पूर्व में भी भारत में फिदायीन हमलों से संबंध रहा है।
घटनास्थल से मिले मलबे को एनआईए मुख्यालय भेजा गया है, जहां उच्च तकनीक से उसकी जांच जारी है। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोटक सामग्री में आरडीएक्स या पीईटीएन जैसे अत्याधुनिक घटक हो सकते हैं, जो सेना और संगठित आतंकवादी समूहों द्वारा प्रयुक्त किए जाते हैं।
देशभर के प्रमुख शहरों में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क कर दी गई हैं। मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में एहतियातन हाई अलर्ट जारी किया गया है। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और धार्मिक स्थलों पर भी सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजधानी जैसे अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र में इस तरह का विस्फोट कैसे संभव हुआ। सुरक्षा तंत्र की सतर्कता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई विशेषज्ञों ने इसे खुफिया एजेंसियों की विफलता बताया है और सुरक्षा रणनीति के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है।
फिलहाल एनआईए की कई टीमें दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम और श्रीनगर में छापेमारी कर रही हैं। जल्द ही इस मामले में कुछ अहम गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस आतंकी साजिश की पूरी रूपरेखा सामने आ जाएगी।
देश भर में लोग इस घटना से आक्रोशित हैं। सोशल मीडिया पर सुरक्षा एजेंसियों से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। वहीं, नागरिकों में भय और चिंता का माहौल है, विशेषकर राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोग अपने दैनिक कार्यों के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।
जांच एजेंसियां घटनास्थल से लेकर फरीदाबाद तक हर उस बिंदु की जांच कर रही हैं जो इस कार या उससे जुड़े लोगों तक पहुंचा सके। देश अब एनआईए की आगामी रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहा है, जिससे इस सनसनीखेज धमाके की असली साजिश और इसके पीछे छिपे चेहरे बेनकाब हो सकें।
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