सतना में महिलाओं से मारपीट और छेड़छाड़ का मामला,पुलिस कार्रवाई पर उठे गंभीर सवाल।

 सतना में महिलाओं से मारपीट और छेड़छाड़ का मामला,पुलिस कार्रवाई पर उठे गंभीर सवाल।

अहरी टोला में 8 से 10 लोगों ने घर में घुसकर किया हमला,CCTV में कैद हुई घटना, फिर भी पीड़ित परिवार को ही बनाया आरोपी।

सतना,ग्रामीण खबर MP।

मध्यप्रदेश के सतना जिले के कोलगवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बाबूपुर चौकी के ग्राम अहरी टोला (सैडिंग बठिया कला, विधानसभा रैगांव) में महिलाओं से मारपीट और छेड़छाड़ का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर गहरा असंतोष देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की ढुलमुल रवैया और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई ने न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना 23 अक्टूबर 2025 की शाम करीब 7 बजे की बताई जा रही है। पीड़िता रुकसाना पत्नी नूर मोहम्मद ने बताया कि उस दिन अचानक लगभग 8 से 10 लोगों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। आरोपियों ने पहले गालियाँ दीं, फिर महिलाओं के साथ मारपीट और छेड़छाड़ की। जब घर की अन्य महिलाएँ — नौशीन, जैसमीन और रवीना — बीच-बचाव करने आईं तो हमलावरों ने लाठी, तलवार और डंडों से सभी पर हमला कर दिया।

पीड़ित पक्ष ने बताया कि हमले में शामिल लोगों में रजनीश पाल, लल्ला पाल, छोटू पाल, पिंटा पाल, दद्दुन जायसवाल, सतीश जायसवाल, शनि जायसवाल और मिथुन जायसवाल के नाम सामने आए हैं। इन लोगों ने न केवल घर में तोड़फोड़ की, बल्कि महिलाओं को बाल पकड़कर सड़क तक घसीटते हुए बेरहमी से पीटा। पूरे घटनाक्रम के दौरान पड़ोसियों ने भी बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों की संख्या अधिक होने के कारण कोई सफलता नहीं मिली।

पीड़ित परिवार का कहना है कि पूरी घटना उनके घर में लगे CCTV कैमरों में कैद हुई है। उन्होंने यह फुटेज बाबूपुर चौकी प्रभारी को भी दिखाया, लेकिन पुलिस ने उलटे रुख अपनाते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बजाय फ़रियादी के पति नूर मोहम्मद को ही आरोपी बना दिया। इससे परिवार में गहरा आक्रोश है और ग्रामीणों ने भी पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।

घटना के बाद घायल महिलाओं को जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, एक महिला को गंभीर चोटें आईं हैं, जिसके चलते उसे भर्ती करना पड़ा। अन्य महिलाओं को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद पुलिस ने अब तक सही धाराओं में एफआईआर दर्ज नहीं की है और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी लगातार उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दे रहे हैं, लेकिन पुलिस सुरक्षा देने के बजाय चुप्पी साधे हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

पीड़ित परिवार, स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सतना पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में घटना का विस्तार से उल्लेख किया गया है और साथ ही CCTV फुटेज व तस्वीरें साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

पीड़ित महिलाओं ने कहा कि वे न्याय मिलने तक शांत नहीं बैठेंगी। उनका कहना है कि “हमने सबूत दिए हैं, लेकिन पुलिस हमारी बात सुनने के बजाय आरोपियों के साथ खड़ी नजर आ रही है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”

इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि अगर CCTV साक्ष्य के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, तो यह स्पष्ट रूप से एकतरफा और प्रभावशाली लोगों के दबाव में की जा रही जांच का उदाहरण है।

अहरी टोला और आसपास के गांवों में अब यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पीड़ित परिवार के समर्थन में आगे आएंगे और न्याय मिलने तक प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। वहीं, महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की विश्वसनीयता को लेकर भी अब व्यापक बहस छिड़ गई है।

ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस उच्चाधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जांच अपने स्तर पर करनी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

ग्रामीण खबर MP-

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