बरही के हीरापुर वार्ड नं.15 में शासकीय भूमि पर अवैध मिट्टी उत्खनन उजागर।

 बरही के हीरापुर वार्ड नं.15 में शासकीय भूमि पर अवैध मिट्टी उत्खनन उजागर।

खसरा नंबर 1524 की भूमि से ईंट निर्माण के लिए की जा रही थी खुदाई,वार्ड पार्षद ने मौके पर पहुँचकर कराया कार्य बंद,प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग।

बरही,ग्रामीण खबर MP।

नगर परिषद बरही के वार्ड क्रमांक 15 हीरापुर क्षेत्र में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से मिट्टी उत्खनन किए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। यह भूमि खसरा नंबर 1524 पर स्थित है, जिसे स्थानीय लोग वर्षों से शमशान घाट और खेल मैदान के रूप में उपयोग करते आ रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड में भी यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए दर्ज है, लेकिन बावजूद इसके यहां अवैध गतिविधियों का सिलसिला जारी रहा।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, छिदिया निवासी झल्ली कुम्हार द्वारा मजदूर लगाकर इस भूमि से मिट्टी की खुदाई की जा रही थी, जिसका उपयोग ईंट निर्माण में किया जाना बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्य किसी प्रभावशाली व्यक्ति के इशारे पर किया जा रहा था। कई दिनों से चल रही खुदाई की सूचना जब वार्डवासियों तक पहुँची, तो उन्होंने नाराज़गी व्यक्त करते हुए इसकी शिकायत वार्ड पार्षद एवं नगर परिषद प्रशासन से की।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह भूमि न केवल सार्वजनिक हित के कार्यों के लिए आरक्षित है, बल्कि यहां क्षेत्र के लोगों की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ भी संपन्न होती हैं। शमशान घाट के समीप हो रही खुदाई से लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं। वार्डवासियों ने कहा कि यदि ऐसे कृत्य पर रोक नहीं लगी तो भविष्य में सार्वजनिक संपत्तियों का दुरुपयोग और बढ़ेगा।

सूत्रों ने यह भी बताया कि अवैध उत्खनन का कार्य सुबह से शाम तक जारी रहता था और कई बार मिट्टी से भरे ट्रैक्टर भी देखे गए। यह कार्य राजस्व और पर्यावरणीय नियमों की खुलेआम अनदेखी करते हुए किया जा रहा था। क्षेत्र में लगातार ट्रैक्टरों की आवाजाही से राहगीरों और स्थानीय निवासियों को भी परेशानी हो रही थी।

वार्ड पार्षद इक़बाल निज़ाम पवार ने बताया कि जैसे ही उन्हें अवैध खुदाई की सूचना मिली, वे नगर परिषद की टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे और कार्य को रुकवाया। उन्होंने कहा कि शासकीय भूमि पर इस प्रकार की अवैध गतिविधियाँ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। पार्षद पवार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रशासन को इस मामले में त्वरित जांच कर जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा बनी रहे।

उन्होंने आगे कहा कि नगर परिषद बरही क्षेत्र में पहले भी कई स्थानों पर इस तरह के अवैध उत्खनन के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं। इस बार प्रशासन को उदाहरण पेश करते हुए सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति शासकीय भूमि पर इस प्रकार के गैरकानूनी कार्य करने की हिम्मत न जुटा सके।

इसी बीच, वार्डवासियों ने भी मांग की है कि अवैध मिट्टी खुदाई में इस्तेमाल किए गए वाहनों और उपकरणों को जब्त कर जुर्माना लगाया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय रहते ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगी तो आने वाले दिनों में शासकीय भूमि पूरी तरह नष्ट हो जाएगी और सार्वजनिक उपयोग के लिए स्थानों की भारी कमी उत्पन्न हो जाएगी।

स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन, नगर परिषद, और राजस्व विभाग से सामूहिक रूप से आग्रह किया है कि खसरा नंबर 1524 की भूमि का सीमांकन कर वहां सूचना-पट्ट लगाया जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह शासकीय संपत्ति है। साथ ही, क्षेत्र में निगरानी के लिए स्थायी व्यवस्था की जाए ताकि दोबारा ऐसी घटनाएँ न हों।

बरही के नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे और उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे। वार्ड नं. 15 के नागरिकों ने एकजुट होकर कहा है कि वे अपनी सार्वजनिक भूमि की रक्षा के लिए हर स्तर पर आवाज उठाते रहेंगे।

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