आंवला नवमी पर रेखा अंजू तिवारी के निवास में श्रद्धा,आस्था और उल्लास का संग।
मातृशक्ति ने किया आंवला वृक्ष का पूजन,भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण के साथ मनाई आंवला नवमी,बच्चों ने विविध व्यंजनों का उठाया लुत्फ,समाजसेवी रेखा तिवारी ने बताया पर्व का महत्व।
कटनी,ग्रामीण खबर MP।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन और शुभ महत्व माना गया है। इसी पावन अवसर पर तिलक कॉलेज रोड स्थित जाग्रति कॉलोनी में समाजसेवी एवं अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी के निज निवास पर आंवला नवमी का पर्व श्रद्धा, आस्था और उल्लास के वातावरण में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मातृशक्तियों ने परंपरागत विधि-विधान के साथ आंवला वृक्ष का पूजन किया, जलाभिषेक एवं दीप प्रज्वलन के बाद वृक्ष की छत्रछाया में बैठकर सामूहिक रूप से प्रसाद ग्रहण किया।
पूजा-पाठ के पश्चात महिलाओं ने सामूहिक रूप से श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी के जयगान करते हुए भजन-कीर्तन किए। वातावरण भक्तिमय हो उठा। महिलाएं और बच्चे पारंपरिक वस्त्रों में सजे-धजे श्रद्धा भाव से शामिल हुए। सभी ने परिवार, समाज, नगर एवं राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की। मातृशक्तियों ने कहा कि वृक्ष पूजन से न केवल धार्मिक लाभ प्राप्त होता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है।
इस अवसर पर समाजसेवी एवं अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि आंवला नवमी को इच्छा नवमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन इतना शुभ होता है कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत बिना मुहूर्त के भी की जा सकती है। इस दिन विशेष ग्रह-योग बनते हैं, जिनका मानव जीवन पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रेखा तिवारी ने बताया कि यह पर्व नारी शक्ति की आस्था और संस्कृति के प्रति समर्पण का प्रतीक है, जो समाज में एकता, सहयोग और धार्मिक चेतना का संदेश देता है।
पूरे आयोजन के दौरान महिलाओं ने भक्ति भावना से भरे भजन गाए और वृक्ष के चारों ओर परिक्रमा कर शुभता की प्रार्थना की। बच्चों और महिलाओं ने मिलकर विविध व्यंजनों का स्वाद लिया। रेखा तिवारी के निवास स्थल पर सुबह से ही महिलाओं का तांता लगा रहा। सभी ने आपसी मेल-जोल और सौहार्द के वातावरण में इस धार्मिक पर्व को हर्षोल्लास से मनाया।
इस अवसर पर विशेष रूप से सुनीता चतुर्वेदी,आभा बर्मन, प्रभा तिवारी,अदिती तिवारी, प्रियाशी, साक्षी गोस्वामी, शिखा गोस्वामी,मोहनी तिवारी, अर्चना दुबे, रावी बर्मन, मालती राठौर, शांति विश्वकर्मा, संध्या गुप्ता, रोशनी तिवारी सहित अनेक सम्मानित महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने वृक्ष पूजन के साथ पारंपरिक गीत गाए और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम की विशेष आकर्षण का केंद्र नन्हे-मुन्ने बच्चे रहे, जिनमें आरिका, लाडो, खुशी, परी, कुट्टू और छोटे सिंह शामिल थे। इन बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। वातावरण में जहां भक्ति की गूंज थी, वहीं बच्चों की हंसी और खेलकूद से आनंद का माहौल भी बना रहा।
कार्यक्रम के समापन पर सामूहिक आरती की गई, जिसके बाद सभी ने प्रसाद वितरण में भाग लिया। अंत में रेखा अंजू तिवारी ने उपस्थित सभी मातृशक्तियों एवं बच्चों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में संस्कार, श्रद्धा और प्रेम की भावना को और अधिक दृढ़ करते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों तक हमारी परंपराएं और आस्थाएं जीवित रहें, यही इस पर्व का सच्चा उद्देश्य है।
पूरे आयोजन के दौरान जाग्रति कॉलोनी में भक्ति, श्रद्धा और सौहार्द का सुंदर संगम दिखाई दिया। महिलाएं व बच्चे इस पारंपरिक पर्व की दिव्यता और आनंद में देर शाम तक डूबे रहे।
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