ग्राम पंचायत पिंडरई की उपेक्षा से ग्रामीण त्रस्त,तीन वर्षों से सीसी रोड पर जमा मलमा बना बीमारी का अड्डा,न नालियों की सफाई, न कोई सुनवाई।

 ग्राम पंचायत पिंडरई की उपेक्षा से ग्रामीण त्रस्त,तीन वर्षों से सीसी रोड पर जमा मलमा बना बीमारी का अड्डा,न नालियों की सफाई, न कोई सुनवाई।

तीन साल से गंदगी में जी रहे ग्रामीण,उल्टी-दस्त फैलने से जनस्वास्थ्य खतरे में; सरपंच-सचिव व अधिकारियों की चुप्पी पर फूटा ग्रामीणों का आक्रोश।

ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर MP:

ढीमरखेड़ा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पिंडरई के वार्ड क्रमांक 7 और 8 के हालात आज ऐसे हैं कि मानो सरकार और पंचायत दोनों ने इन गांववासियों को अपने हाल पर छोड़ दिया हो। बीते तीन वर्षों से यहां की सीसी रोड पर करीब तीन फीट ऊँचा मलमा जमा है, जो न केवल आवागमन में बाधा बन चुका है, बल्कि गंभीर बीमारियों को भी खुला न्योता दे रहा है। बारिश में यह सड़क पूरी तरह से बंद हो जाती है, और धूप में यहां से गुजरना भी दूभर हो जाता है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि गांव में साफ-सफाई का कोई नामोनिशान नहीं है। नालियों की दशा इतनी खराब है कि गंदा पानी गलियों में फैलकर कीचड़ और सड़ांध का कारण बन रहा है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को इन रास्तों से गुजरना पड़ता है और आये दिन लोग फिसल कर चोटिल हो जाते हैं। गांव की बदहाली के कारण अब उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां भी पनपने लगी हैं। दो दिन पहले इसी मोहल्ले से दो ग्रामीण उल्टी-दस्त से ग्रसित होकर इलाज हेतु बाहर ले जाए गए।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत में कार्य सिर्फ कागजों पर होता है। सफाई के नाम पर फर्जी बिल बनाकर धन निकासी की जा रही है, पर जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा। कहीं मुरम डाली नहीं गई, कहीं नालियों की एक बार भी सफाई नहीं की गई। पंचायत प्रतिनिधि कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं और उच्च अधिकारी भी जानबूझकर आँखें मूंदे हुए हैं।

गांववाले बताते हैं कि अब तक 10 से 12 बार पंचायत, जनपद और जिला स्तर के अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है। यहां तक कि विधि एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भी मामले से अवगत कराया गया, पर नतीजा सिफर रहा। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर आकर हालात देखने तक नहीं आया। इस बेरुखी ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से भी परेशान कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही इस मलमे को हटाकर नालियों की सफाई नहीं की गई, तो स्थिति और भयावह हो सकती है। गांव में महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है, और सरकार की नाक के नीचे खुलेआम लापरवाही और भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

इस स्थिति से तंग आकर अब ग्रामीण एकजुट होकर आवाज़ उठाने लगे हैं। सुखलाल चक्रवर्ती, बजरंगी भूमिया, सत्येंद्र कोल, बेड़ी लाल बांके, खज्जू भूमिया, कुलदीप उपाध्याय, अन्नू भूमिया, रही चक्रवर्ती, संतलाल चक्रवर्ती और अन्य ग्रामीणों ने मिलकर मांग की है कि पंचायत में हो रहे इस तरह के फर्जीवाड़े की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

गांववासियों का सीधा सवाल है – जब हर साल सफाई और निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का बजट पंचायत को मिलता है, तो वह पैसा कहाँ जा रहा है? क्या ग्राम पंचायत सिर्फ कागजों में साफ हो रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत सड़ांध और बीमारी से भरी हुई है?

अब ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो वे मजबूर होकर आंदोलन और प्रशासनिक धरना प्रदर्शन की राह पकड़ेंगे।

ग्रामीण खबर MP-

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