स्लिमनाबाद तहसील की अव्यवस्थाओं के खिलाफ अधिवक्ताओं ने उठाई आवाज।
मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, न्यायिक कार्यों में पारदर्शिता, स्टाफ की नियुक्ति व ग्रामीणों की सुविधा की रखी गईं मांगें।
स्लिमनाबाद,ग्रामीण खबर mp:
कटनी जिले के अंतर्गत नवगठित तहसील स्लिमनाबाद में व्यवस्थाओं के अभाव को लेकर स्थानीय अधिवक्ताओं में आक्रोश देखा गया। इन व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बहोरीबंद को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से अधिवक्ताओं ने कई वर्षों से लंबित समस्याओं एवं मूलभूत आवश्यकताओं को चिन्हित करते हुए उनके शीघ्र समाधान की मांग की।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित पाँच बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है –
1.स्लिमनाबाद तहसील में कार्यरत अनुविभागीय अधिकारी को नियमित किया जाए ताकि न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों की निरंतरता बनी रहे।
2.एसडीओ रीडर और आवक-जावक संधारण लिपिक की शीघ्र नियुक्ति की जाए जिससे दस्तावेज़ों की प्रक्रिया समय पर पूर्ण हो सके।
3.तहसील परिसर में अधिवक्ताओं, पक्षकारों एवं प्रतीक्षारत ग्रामीण नागरिकों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था की जाए।
4.तहसील में सक्रिय बिचौलियों पर अंकुश लगाया जाए जो ग्रामीणजनों को गुमराह कर रहे हैं और अवैध लेन-देन को बढ़ावा दे रहे हैं।
5.अनुविभागीय अधिकारी व अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के नियमित कार्य दिवस तय किए जाएं ताकि ग्रामीणों को अनावश्यक बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें।
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने यह भी उल्लेख किया कि तहसील बनने के वर्षों बाद भी यहां बुनियादी संरचना का विकास नहीं हो पाया है। न्यायालयीन कार्यों की अनियमितता, एसडीओ की अनुपलब्धता और स्टाफ की कमी के कारण दूर-दराज़ से आने वाले ग्रामीण पक्षकारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोग समय, पैसा और श्रम खर्च कर तहसील पहुँचते हैं, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया की अनिश्चितता के कारण निराश लौटना पड़ता है।
ज्ञापन में बताया गया कि अधिवक्ताओं को भी न्यायिक कार्यों के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एसडीओ साहब की उपस्थिति और न्यायालयीन कार्यों का कोई निश्चित लेखा-जोखा नहीं होता, जिससे न्याय की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगते हैं। पक्षकार कई बार दलालों के झांसे में आकर आर्थिक रूप से शोषित हो जाते हैं।
ज्ञापन सौंपते समय अधिवक्ताओं ने मांग की कि मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले में संज्ञान लें और स्लिमनाबाद तहसील को एक सक्रिय, जिम्मेदार एवं नागरिकों के प्रति उत्तरदायी प्रशासनिक इकाई के रूप में विकसित किया जाए। अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि शीघ्र आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो ग्रामीणों की पीड़ा और गहरी होगी और जनआक्रोश सामने आ सकता है।
ज्ञापन के अंत में यह भी स्पष्ट किया गया कि अधिवक्ताओं का यह प्रयास किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह केवल जनहित, न्याय और सुशासन की भावना से प्रेरित है।
प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
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