कैबिनेट विस्तार के साथ निगम-मंडल और प्राधिकरणों में होगी बड़े नेताओं की ताजपोशी, तैयार है सूची, दावेदारों में मची हलचल।

 कैबिनेट विस्तार के साथ निगम-मंडल और प्राधिकरणों में होगी बड़े नेताओं की ताजपोशी, तैयार है सूची, दावेदारों में मची हलचल।

राजनीतिक नियुक्तियों को मिली दिल्ली से हरी झंडी, 40 से अधिक पदों पर होगी नियुक्ति, सत्ता-संगठन में सहमति के बाद जल्द होगा ऐलान।

भोपाल,ग्रामीण खबर mp:

मध्यप्रदेश में लंबे समय से लंबित चल रही राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। राज्य सरकार और भाजपा संगठन के बीच निगम, मंडल, प्राधिकरण और आयोगों में नियुक्तियों को लेकर सहमति बन चुकी है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक नियुक्तियों की सूची लगभग तैयार कर ली गई है और दिल्ली से भी इसे हरी झंडी मिल चुकी है। इन नियुक्तियों को लेकर प्रदेश में एक बार फिर से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।

पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय से विभिन्न निगम-मंडलों और आयोगों में करीब 40 से अधिक पद खाली हैं। इन पदों को भरने की मांग कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता लगातार करते आ रहे थे, लेकिन संगठन और सरकार की व्यस्तता एवं दावेदारों की लंबी सूची के चलते निर्णय टलता रहा। अब जब भाजपा ने प्रदेश में संगठनात्मक ढांचे को नई दिशा दी है और प्रदेशाध्यक्ष के रूप में हेमंत खंडेलवाल की नियुक्ति की है, तब नियुक्तियों की प्रक्रिया को भी गति दे दी गई है।

इस पूरी कवायद के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट में फेरबदल की भी तैयारियां चल रही हैं। वर्तमान में मंत्रिपरिषद में 31 सदस्य हैं, जबकि अधिकतम 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक 4 नए चेहरे कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। इनमें प्रमुख नाम अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह, भोपाल हुजूर से विधायक रामेश्वर शर्मा और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस के हैं। वहीं कुछ मंत्रियों के विभागीय प्रदर्शन को लेकर नाराजगी भी जाहिर की गई है, जिसके चलते मंत्रिमंडल से कुछ चेहरों की छुट्टी भी संभव मानी जा रही है।

राजनीतिक नियुक्तियों की सूची में जिन नामों को प्राथमिकता दी जा रही है, उनमें संगठन और सरकार से नजदीकी रखने वाले नेता शामिल हैं। संभावित नामों में राजबहादुर सिंह (सागर), चंद्रभान सिंह (छिंदवाड़ा), हीरेंद्र सिंह, शैतान सिंह पाल, राहुल कोठारी, राजू यादव (धार), गोपी नेमा (इंदौर), गौरव रणदिवे (इंदौर - कैलाश विजयवर्गीय की सहमति आवश्यक), राजू खंडेलवाल, रवि सोलंकी, सुमित पचौरी (सहमति लंबित), अशोक जादौन और पीतांबर टोपनानी के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।

पूर्व में कुछ नियुक्तियां की जा चुकी हैं जिनमें रामकृष्ण कुसमारिया को मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष, मौसम बिसेन को सदस्य, विष्णु राजौरिया को मप्र परशुराम कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष, तुरसनपाल बरैया को सहरिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष और सीताराम आदिवासी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह नियुक्तियां संकेत दे रही थीं कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी।

सत्ता और संगठन स्तर पर दो दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और अब अंतिम सहमति के बाद नियुक्तियों की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। यह भी तय माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों के बाद संगठन में जो पद रिक्त होंगे, वहां भी नए चेहरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के तहत न केवल नेताओं को सरकार से जोड़ा जाएगा, बल्कि क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधते हुए आगामी पंचायत, नगरीय और विधानसभा चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्तियां की जाएंगी।

सरकार का ध्यान इस बार नगर निकायों की एल्डरमैन नियुक्तियों, कॉलेजों की जनभागीदारी समितियों, और विभिन्न विकास प्राधिकरणों में सक्रिय लोगों को शामिल करने पर है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार नियुक्तियों में उन नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने चुनावों में पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाई या संगठनात्मक कार्यों में योगदान दिया है।

संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर संगठन पर दिल्ली से भी दबाव है कि जल्द से जल्द राजनीतिक नियुक्तियां पूरी की जाएं ताकि कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़े और भविष्य की रणनीति को सशक्त किया जा सके। यही कारण है कि अब सूची को अंतिम रूप देकर उस पर मुहर लगाने की तैयारियां जोरों पर हैं।

भोपाल से लेकर दिल्ली तक नेताओं की परिक्रमा और गतिविधियां यह संकेत दे रही हैं कि अब ताजपोशी का समय करीब है। भाजपा की डबल इंजन सरकार संगठन और सरकार दोनों को मजबूत करने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण मान रही है। इसलिए यह न केवल एक सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया है, बल्कि पार्टी की रणनीतिक तैयारी का बड़ा हिस्सा भी मानी जा रही है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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