कांग्रेस का आरोप : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर भाजपा सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है।
कांग्रेस ने कहा – एफआईआर पूरी तरह झूठी, विपक्ष की आवाज दबाने और असल दोषियों को बचाने के लिए प्रशासन ने रची साजिश; कलेक्टर और एसपी की भूमिका की हो स्वतंत्र न्यायिक जांच।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
थाना मुंगावली, जिला अशोकनगर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विरुद्ध दर्ज की गई एफआईआर को लेकर कांग्रेस ने प्रदेशभर में मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने इस एफआईआर को भाजपा सरकार की दमनकारी मानसिकता और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की है।
इसी क्रम में कटनी जिले में भी सिविल लाइन स्थित विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान एवं प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने विस्तार से पूरी घटना की जानकारी दी और भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह एफआईआर न केवल सच्चाई को दबाने की कोशिश है, बल्कि पीड़ितों को डराने और विपक्ष की आवाज को कुचलने की एक सुनियोजित साजिश है।
प्रवक्ता सुनील मिश्रा ने बताया कि 25 जून को ग्राम मुडरा, थाना मुंगावली, जिला अशोकनगर के निवासी दो भाई – गजराज लोधी और रघुराज लोधी – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से ओरछा प्रवास के दौरान मिले थे। उन्होंने श्री पटवारी को बताया कि गांव के दबंग सरपंच पुत्र विकास और उसके सहयोगियों ने उनके साथ मारपीट की, उनकी मोटरसाइकिल छीनी, अपमानजनक व्यवहार किया और सामाजिक रूप से उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया।
उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ितों की यह आपबीती सुनकर श्री पटवारी ने उनका वीडियो रिकॉर्ड किया और सार्वजनिक किया ताकि उन्हें न्याय मिल सके और प्रशासन संबंधित कार्रवाई करे। लेकिन इस वीडियो के वायरल होते ही प्रशासन ने उल्टा रुख अपना लिया।
कांग्रेस के अनुसार, अगले ही दिन यानी 26 जून को प्रशासन ने पीड़ितों को बुलाकर उन पर दबाव डाला और उनसे जबरन शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए, जिसमें यह झूठा उल्लेख किया गया कि “मानव मल खिलाने” जैसी बात जीतू पटवारी ने खुद उन्हें कहने को कहा था। यह बयान न सिर्फ गलत है बल्कि दवाब में दिलवाया गया है।
इसके बाद, 27 जून को थाना मुंगावली में एफआईआर क्रमांक 0233 दर्ज कर दी गई, जिसमें जीतू पटवारी को षड्यंत्र रचने वाला, जाति-धर्म के आधार पर समाज में वैमनस्य फैलाने वाला, राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने वाला और सार्वजनिक शांति भंग करने वाला बताया गया है। कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रशासन द्वारा भाजपा सरकार के दबाव में की गई कार्रवाई करार दिया है।
जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने कहा कि श्री पटवारी ने किसी भी प्रकार का भ्रामक या उत्तेजक बयान नहीं दिया, उन्होंने केवल पीड़ितों की आवाज उठाई है। वायरल वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि पीड़ित दोनों भाई किस तरह भावुक होकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के नाते जीतू पटवारी का यह कर्तव्य था कि वे अन्याय के खिलाफ खड़े हों और उन्होंने वही किया। लेकिन भाजपा सरकार इससे घबरा गई और प्रशासन का दुरुपयोग करते हुए उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी।
प्रदेश कांग्रेस द्वारा पूरे प्रदेश में आयोजित पत्रकार वार्ताओं के माध्यम से मांग की गई है कि एफआईआर क्रमांक 0233 दिनांक 27 जून को तत्काल निरस्त किया जाए, जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक अशोकनगर की भूमिका की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जाए, पीड़ितों को निष्पक्ष न्याय दिलाया जाए और जिन दबंगों ने यह अमानवीय कृत्य किया – सरपंच पुत्र विकास एवं उसके साथियों – के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पत्रकार वार्ता के इस अवसर पर सद्भावना प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जार्ज डेविट एवं कांग्रेस जिला सचिव रॉबिन पीटर भी उपस्थित रहे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में जागरूकता लाएंगे और अगर आवश्यकता पड़ी तो बड़ा जन आंदोलन भी खड़ा करेंगे।
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