ग्रामपंचायत मुरवारी में सरपंच-सचिव पर फर्जी बिल लगाकर लाखों की सरकारी राशि निकालने का आरोप।
ग्रामीणों ने सरपंच व सचिव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए C.E.O. को सौंपा शिकायत पत्र, सभी कार्यों व भुगतान की जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग।
ढीमरखेड़ा ग्रामीण खबर mp:
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा अंतर्गत ग्रामपंचायत मुरवारी से भ्रष्टाचार का गंभीर मामला उजागर हुआ है। ग्राम के जागरूक नागरिकों ने पंचायत के सरपंच व सचिव के विरुद्ध गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मुख्यकार्यपालन अधिकारी को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है। शिकायत में कहा गया है कि ग्रामपंचायत में विकास कार्यों के नाम पर शासन से प्राप्त होने वाली राशि का केवल आधा भाग ही सार्वजनिक हित में खर्च किया जाता है, जबकि शेष राशि का गबन कर उसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत कार्यों से जुड़ी खरीदी में फर्जी बिल लगाए गए हैं। आरोपों के अनुसार, कई बिल ऐसे व्यक्तियों के नाम से लगाए गए हैं जो न तो अधिकृत विक्रेता हैं और न ही उनकी कोई पंजीकृत दुकान या संस्था है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि विक्रेता क्रमांक 1 ताराचंद साहू मात्र एक साधारण किसान हैं और पंचायत के मजदूरी कार्यों में मेट का कार्य करते हैं। इसके बावजूद उनके नाम पर बिल बनाकर सामग्री सप्लाई दिखा दी गई है।
इसी तरह विक्रेता क्रमांक 2, ताराचंद साहू की पत्नी हैं, जो कि किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधि में संलग्न नहीं हैं, फिर भी उनके नाम से भी भुगतान दर्शाया गया है। विक्रेता क्रमांक 3 सोनम बाई काछी के विषय में ग्रामीणों ने बताया कि वह एक अज्ञात महिला हैं, जिनसे किस सामग्री की खरीदी हुई, यह पंचायत दस्तावेजों में स्पष्ट नहीं है। इन नामों का उपयोग कर फर्जी बिल प्रस्तुत किए गए हैं।
सबसे बड़ा आरोप विक्रेता क्रमांक 4 को लेकर लगाया गया है, जो कि ग्रामपंचायत सरपंच का स्वयं का पुत्र है। शिकायत में उल्लेख है कि उसकी दुकान से 6 नडेप कूड़ादान की सामग्री का भुगतान किया गया है, जबकि स्थल निरीक्षण में केवल 4 कूड़ादान का निर्माण हुआ पाया गया है। शेष 2 कूड़ादानों की न तो कोई सामग्री दिखी और न ही कोई प्रमाण उपलब्ध है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि ग्रामपंचायत के सरपंच ने पंचायत के मजदूरी कार्यों में अपने दोनों पुत्रों—प्रशांत लोधी एवं नीरज लोधी—को लाभ पहुंचाया है। दोनों के नाम से जॉब कार्ड क्रमांक 351/a पर हाजिरी चढ़ाकर मजदूरी की राशि आहरित की गई है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि ये दोनों युवक पंचायत के किसी भी रोजगार कार्य में उपस्थित नहीं रहते हैं।
शिकायतकर्ता अनंतराम काछी पिता लल्लूराम काछी सहित ग्राम के अन्य जागरूक नागरिकों ने मुख्यकार्यपालन अधिकारी से मांग की है कि ग्रामपंचायत मुरवारी में बीते वर्षों में कराए गए समस्त निर्माण कार्यों, सामग्री खरीदी व भुगतान बिलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो यह जनविश्वास को हानि पहुंचाएगा और विकास कार्यों में निरंतर बाधा उत्पन्न होगी।
ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की शिकायत पहली बार नहीं हो रही है। पूर्व में भी पंचायत में पारदर्शिता की कमी को लेकर आवाज़ उठाई गई थी, लेकिन कार्रवाई के अभाव में सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हैं। अब जब पर्याप्त साक्ष्य एवं गवाहों के साथ शिकायत की गई है, तो जनहित में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।