सिलौंडी बस स्टैंड में महिला प्रसाधन,पानी और बैठने की सुविधा के अभाव से यात्री बेहाल,विधायक निर्देश के बाद भी प्रशासनिक निष्क्रियता बनी समस्या।

 सिलौंडी बस स्टैंड में महिला प्रसाधन,पानी और बैठने की सुविधा के अभाव से यात्री बेहाल,विधायक निर्देश के बाद भी प्रशासनिक निष्क्रियता बनी समस्या।

स्थानीय नेताओं के दबाव में भूमि चयन की प्रक्रिया में हो रही देरी, महिलाओं और बुजुर्गों को हो रही भारी परेशानी, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी।

सिलौंडी,ग्रामीण खबर mp:

कटनी जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में शुमार सिलौंडी में स्थित बस स्टैंड पर बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी से आमजन परेशान हैं। यह बस्ती जहां 6000 से अधिक जनसंख्या निवास करती है, वहां रोजाना 25 से 30 बसें आवागमन करती हैं और लगभग 15 बसें रात्रि में विश्राम करती हैं। इसके बावजूद सिलौंडी बस स्टैंड में न तो यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था है, न पीने के पानी की सुविधा और न ही महिलाओं के लिए प्रसाधन की व्यवस्था — जिससे यहां आने-जाने वाले यात्री विशेषकर महिलाएं और बुजुर्ग गहरे संकट का सामना कर रहे हैं।

सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि महिला प्रसाधन का न होना महिला यात्रियों के लिए न केवल असुविधा बल्कि सम्मान के साथ समझौता जैसा प्रतीत होता है। दिनभर दर्जनों महिलाएं बस स्टैंड पर अपनी यात्रा के दौरान या प्रतीक्षा में होती हैं, लेकिन प्रसाधन सुविधा के अभाव में उन्हें भारी असहजता का सामना करना पड़ता है। पुरुष किसी तरह खुले में या सड़क किनारे अपनी आवश्यकता पूरी कर लेते हैं, लेकिन महिलाएं कहां जाएं? यह सवाल प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सभी के लिए सोचने योग्य है।

बस स्टैंड में दिनभर यात्रियों का आवागमन लगा रहता है। वहीं, बसों के ड्राइवर और कंडक्टर भी इसी बस स्टैंड पर खुले में ही शौच करने को विवश हैं। यह न केवल स्वच्छता अभियान की खुली अनदेखी है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और मर्यादा के मानकों का उल्लंघन भी है।

इस गंभीर समस्या को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक ने 10 दिन पूर्व एसडीएम से औपचारिक मुलाकात कर महिला प्रसाधन निर्माण हेतु शीघ्र भूमि चयनित करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन पर स्थानीय प्रभावशाली नेताओं का दबाव है, जो शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करके भूमि चयन की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि बस स्टैंड की अधिकांश भूमि शासकीय है, किंतु वर्षों से उस भूमि पर अतिक्रमण होता चला गया। शासकीय नाले के दोनों ओर अवैध निर्माण कर दबंग लोगों ने मकान बना लिए हैं। पिछली वर्षा में इसी कारणवश नाले से जल निकासी नहीं हो सकी थी और कई घरों में पानी घुस गया था। यदि समय रहते प्रशासन ने इन अतिक्रमणों को हटाने और प्रसाधन निर्माण हेतु भूमि का चयन नहीं किया, तो आगामी बारिश में भी हालात बद से बदतर हो सकते हैं।

स्थानीय महिलाओं ने बताया कि बस स्टैंड पर जब भी आना होता है, उन्हें प्रसाधन की अनुपलब्धता के कारण घर लौटना पड़ता है या इधर-उधर रास्ता तलाशना पड़ता है, जो एक ग्रामीण महिला के लिए अत्यंत अपमानजनक स्थिति है। ग्राम के बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से अपील की है कि बस स्टैंड में जल्द से जल्द महिला प्रसाधन की भूमि चयनित कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए, ताकि आम जनता को इस मूलभूत सुविधा से वंचित न रहना पड़े।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को विवश होंगे। क्योंकि यह केवल सुविधा की बात नहीं, यह गरिमा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की भी बात है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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