दो वर्षों से अधूरी पड़ी मुरवारी-पोड़ी सुदूर सड़क, निर्माण में लापरवाही और बारिश में बढ़ती राहगीरों की परेशानी बनी चिंता का विषय।

 दो वर्षों से अधूरी पड़ी मुरवारी-पोड़ी सुदूर सड़क, निर्माण में लापरवाही और बारिश में बढ़ती राहगीरों की परेशानी बनी चिंता का विषय।

ढीमरखेड़ा जनपद की महत्त्वपूर्ण सड़क वर्षों से अधूरी, बारिश से पहले नहीं हुआ निर्माण पूर्ण, ग्रामीणों में नाराजगी और गुणवत्ता को लेकर आक्रोश।

ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर mp:

तहसील ढीमरखेड़ा क्षेत्र की महत्वपूर्ण मुरवारी से पोड़ी मार्ग की सुदूर सड़क का निर्माण कार्य दो वर्ष पूर्व स्वीकृत होने के बाद भी अब तक अधूरा पड़ा है। यह सड़क महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 32 लाख 49 हजार रुपये की लागत से स्वीकृत की गई थी। यह मार्ग सांसद हिमाद्री सिंह की अनुशंसा पर मंजूर हुआ था, जो कि क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत का कारण बन सकता था, लेकिन अब यह अधूरा निर्माण समस्या का रूप ले चुका है।

जनपद सदस्य ज्योति दीपू बैरागी ने बताया कि यह मार्ग ग्राम मुरवारी से पोड़ी तक वर्षों से ग्रामीणों की सबसे प्राथमिक मांग रही है। सड़क के न बनने से ग्रामीणों को अब भी कच्चे और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। खासतौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं और रोजमर्रा के राहगीरों को बारिश के मौसम में कीचड़ और फिसलन से अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में कुछ काम शुरू किया गया था, जिसमें केवल झाड़ियों की कटाई और मिट्टी भराई की गई, लेकिन उसमें न तो गुणवत्ता थी और न ही स्थायित्व। मिट्टी की जगह खेत की काली मिट्टी और पास की पहाड़ी से मुरूम निकालकर सड़क में डाला गया, जिससे आने वाले दिनों में सड़क की हालत और बिगड़ सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब काम बिना किसी मानक और तकनीकी देखरेख के किया जा रहा है।

निर्माण स्थल पर न तो सूचना पटल लगाया गया है, न ही निर्माण की समय-सीमा अथवा कार्यदायी संस्था की जानकारी दी गई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जहां पानी निकासी के लिए पुलिया डाली जानी चाहिए थी, वहां उसे नजरअंदाज कर दिया गया है। बेलन चलाकर सड़क को समतल और मजबूत बनाने की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई है।

इस लापरवाही की शिकायत मुरवारी निवासी अशोक पांडे द्वारा 181 और एसडीएम निधि गोहल को की गई। शिकायत के बाद जनपद पंचायत सीईओ युजवेंद्र कोरी और सहायक यंत्री अजय केसरवानी मंगलवार को मौके पर पहुंचे और सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भी पाया कि कई स्थानों पर पुलिया नहीं डाली गई है और कार्य गुणवत्ता से परे है।

निरीक्षण के समय क्षेत्रीय ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को सड़क निर्माण में हो रही अनियमितताओं और लापरवाही की विस्तृत जानकारी दी। ग्रामीणों ने बताया कि मुरूम की खुदाई पोड़ी कला बी की पहाड़ी से जेसीबी मशीन द्वारा बिना वैधानिक अनुमति के की जा रही है। इस मामले में भी अशोक पांडे द्वारा जिला प्रशासन को सूचना दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने गुणवत्ता की शिकायत की तो ठेकेदार के गुर्गों द्वारा उन्हें मोबाइल पर धमकी दी गई।

ग्रामीणों में निर्माण कार्य को लेकर गहरा आक्रोश है। बिमल बैरागी, गजय बैरागी, अखिलेश हल्दकार, शनि पटेल, अनूप कनोजिया, जय बैरागी, मिस्सू सोनी, राजेंद्र पाठक, जितेंद्र काछी, विजय पटेल, रामकिशन काछी, ओंकार पटेल, कंधी पटेल, बद्री पटेल जैसे अनेक ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में पारदर्शिता न होने और घटिया सामग्री के उपयोग पर नाराजगी जताई है।

छात्रों को भी हो रही है भारी असुविधा। मुरवारी से पोड़ी होकर ढीमरखेड़ा महाविद्यालय की दूरी केवल 4 किमी है, लेकिन सड़क के अधूरेपन के कारण छात्रों को मुरवारी, सनकुई, देवरी, पिंडरई मोड़ होते हुए 12 से 14 किमी लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे समय और संसाधनों की भारी बर्बादी हो रही है।

इस पूरे मामले पर जनपद सीईओ युजवेंद्र कोरी ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत के अनुसार मौके का निरीक्षण किया गया है। मुरूम की खुदाई के लिए यदि कोई वैध अनुमति नहीं ली गई है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं निर्माण कार्य की गुणवत्ता और तकनीकी मानकों की भी जांच कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

स्थानीय प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की लगातार उठती आवाज़ और मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को उठाने के बाद अब प्रशासन हरकत में आया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह सड़क वाकई में ग्रामीणों के लिए राहत बनती है या फिर किसी और लंबित परियोजना की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाती है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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