विधायक संजय सत्येंद्र पाठक द्वारा शिक्षकों के लिए लगातार 10 वर्षों से दी जा रही निधि पर गरुड़ध्वज संस्कृत विद्यालय ने जताया आभार।
संस्कार, शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण हेतु संकट मोचन धाम स्थित गरुड़ध्वज संस्कृत विद्यालय को विधायक पाठक से मिल रही सतत सहयोग राशि बनी अनुकरणीय उदाहरण।
विजयराघवगढ़,ग्रामीण खबर mp:
विजयराघवगढ़ विधानसभा अंतर्गत संकट मोचन जगन्नाथ धाम परिसर में संचालित गरुड़ध्वज संस्कृत विद्यालय एक प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक चेतना को आगे बढ़ाने वाला संस्थान है, जहाँ संस्कृत भाषा, वैदिक अध्ययन एवं आचार्य परंपरा का शिक्षण कराया जाता है। इस संस्थान में अध्ययनरत छात्रगण आश्रमीय वातावरण में रहकर न केवल आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जड़ों से भी जुड़े हुए हैं।
इस विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने एवं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येंद्र पाठक का विगत एक दशक से निरंतर सहयोग मिल रहा है। विधायक श्री पाठक द्वारा पिछले **10 वर्षों से प्रति वर्ष 48,000 रुपये की शिक्षक निधि** प्रदान की जाती रही है, जिससे विद्यालय के आचार्यों को मानदेय दिया जाता है तथा शैक्षणिक गतिविधियाँ बिना किसी व्यवधान के संचालित हो पा रही हैं।
सिर्फ आर्थिक सहयोग तक ही सीमित न रहकर विधायक पाठक द्वारा विद्यालय परिसर में आश्रमीय व्यवस्थाओं की बेहतरी हेतु भी सराहनीय योगदान दिया गया है। इनमें छात्रों के लिए गर्मी से राहत देने हेतु कूलर की व्यवस्था, भवन में आवश्यक रंग-रोगन, बैठने हेतु शेड का निर्माण, तथा अन्य बुनियादी संसाधनों की समय-समय पर पूर्ति शामिल है।
विधायक श्री पाठक के इस दीर्घकालिक सहयोग के प्रति गरुड़ध्वज संस्कृत प्रचार समिति ने सामूहिक रूप से आभार प्रकट करते हुए इसे शिक्षा और संस्कृति को समर्पित एक आदर्श कदम बताया है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जिस समय समाज में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को उपेक्षित दृष्टि से देखा जाता है, ऐसे समय में एक जनप्रतिनिधि द्वारा इस प्रकार का सतत सहयोग न केवल सराहनीय है बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
छात्रों एवं आचार्यगण ने भी विधायक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह सहयोग उन्हें शिक्षा में निरंतर आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा देता है। विद्यालय में अध्ययनरत ब्रह्मचारी छात्रों ने सामूहिक रूप से वेदपाठ कर विधायक के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन की कामना की।
समिति द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि इसी प्रकार का सहयोग समाज के अन्य प्राचीन शिक्षण संस्थानों को प्राप्त हो, तो भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित कर वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने विधायक श्री संजय सत्येंद्र पाठक को धर्म और शिक्षा का सच्चा संरक्षक बताते हुए उन्हें आगामी वर्षों में भी सहयोग प्रदान करते रहने की आशा व्यक्त की।