स्वरोजगार की ओर सशक्त कदम: दमोह जिले की 35 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पूर्ण किया सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का 12 दिवसीय प्रशिक्षण और परीक्षा।

 स्वरोजगार की ओर सशक्त कदम: दमोह जिले की 35 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पूर्ण किया सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का 12 दिवसीय प्रशिक्षण और परीक्षा।

भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण उपरांत हुआ लिखित, मौखिक और प्रायोगिक मूल्यांकन, 32 महिलाएं परीक्षा में सफल।

दमोह,ग्रामीण खबर mp:

महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दमोह जिले में एक प्रभावी प्रयास के तहत भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दमोह द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मध्य प्रदेश शासन के ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें जिले के विभिन्न विकासखंड – जबेरा, दमोह, पटेरा, बटियागढ़ एवं तेंदूखेड़ा से चयनित 35 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य इन महिलाओं को सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन के आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से परिचित कराना था, ताकि वे कृषि आधारित स्वरोजगार स्थापित कर सकें और अपने परिवार की आय में योगदान दे सकें। प्रशिक्षण संस्था की संचालक सुश्री स्वाति भोला के निर्देशन में हुआ, जिसमें महिलाओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान दिया गया, बल्कि उन्हें खेत में प्रैक्टिकल प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण के समापन के बाद ओम प्रकाश चतुर्वेदी, परीक्षा नियंत्रक एवं प्रमाणीकरण अधिकारी, रूटसे टी, भारत सरकार ब्रांच भोपाल के मार्गदर्शन में महिलाओं की परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन से संबंधित विषयों पर व्यापक मूल्यांकन किया गया। परीक्षा तीन चरणों में हुई – लिखित, मौखिक एवं प्रायोगिक। इस दौरान दो विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे – रामसुख दुबे (कटनी) ने कृषि संबंधी पहलुओं का मूल्यांकन किया जबकि प्रदीप कुमार नामदेव (दमोह) ने बैंकिंग से संबंधित ज्ञान का परीक्षण किया।

परीक्षा में महिलाओं से विभिन्न सब्जियों के बीज एवं उनकी किस्मों, बुवाई विधियों, फसल की देखरेख, रोगों एवं कीट नियंत्रण, जैविक खाद एवं कीटनाशकों के उपयोग, मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया, पोषक तत्वों की जानकारी, प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक, सिंचाई विधियों विशेषकर ड्रिप सिंचाई, पाली हाउस की कार्यप्रणाली, पोषण वाटिका की संरचना, लाभकारी सब्जियों की पहचान, उत्पादन की लागत एवं लाभ का आकलन, साथ ही स्वरोजगार के लिए आवश्यक उद्यमशीलता की विशेषताओं से जुड़े प्रश्न पूछे गए। साथ ही बैंकिंग जागरूकता के तहत महिलाओं से विभिन्न प्रकार के बैंक खाते, ऋण सुविधाएं, बचत योजनाएं एवं बैंकिंग से जुड़ी व्यवहारिक जानकारियों पर आधारित प्रश्नों का मूल्यांकन किया गया।

उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में 35 में से 3 महिलाएं अनुपस्थित रहीं, 2 महिलाएं अनुत्तीर्ण घोषित की गईं जबकि 32 महिलाएं परीक्षा में सफल होकर प्रमाणपत्र प्राप्त करने की पात्र बनीं। इन महिलाओं में प्रशिक्षण के दौरान न केवल कृषि कौशल में निपुणता दिखाई, बल्कि आत्मविश्वास और भविष्य के लिए स्पष्ट योजनाएं भी नजर आईं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की जिम्मेदारी जनक नंदिनी द्विवेदी ने निभाई, जिन्होंने पूरी अवधि में महिलाओं को समर्पित भाव से प्रशिक्षण प्रदान किया। परीक्षा आयोजन में संस्था के कर्मचारी सुधीर नामदेव, देवेंद्र सोनी, राजेंद्र चौरसिया एवं अशोक सोनी का तकनीकी एवं प्रशासनिक सहयोग सराहनीय रहा।

इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि यदि सही दिशा, संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए, तो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार कर सकती हैं। यह प्रशिक्षण न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सामाजिक बदलाव की भी एक प्रेरक मिसाल बन सकता है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर MP
संपर्क सूत्र:9977110734

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