नटेरन में भीषण पेयजल संकट: एक सप्ताह से बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण, जिम्मेदार बेपरवाह।
सगड़ बांध से सप्लाई बाधित, लीकेज और लापरवाही से बिगड़े हालात, प्रशासन के निर्देश हवा में।
नटेरन, ग्रामीण खबर एमपी:
नटेरन मुख्यालय समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक सप्ताह से भीषण पेयजल संकट गहराया हुआ है। रहवासी पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं। जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशपाल रघुवंशी ने बताया कि नटेरन में सगड़ बांध परियोजना से पानी की आपूर्ति होती है, किंतु जल जीवन मिशन के कर्मचारियों की लापरवाही और तकनीकी खामियों के चलते पेयजल टंकी समय पर नहीं भर पा रही है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, क्षेत्र में जगह-जगह पाइपलाइन में बाल (लीकेज) हो रहे हैं। लीकेज की वजह से टंकी भरने के बाद भी पर्याप्त दबाव नहीं बन पाता और पानी नलों तक नहीं पहुंचता। रहवासी बताते हैं कि इन समस्याओं की कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन विभागीय कर्मचारी मौके पर सुधार कार्य करने नहीं पहुंचे।
स्थिति यह हो गई है कि लोग पानी भरने के लिए दूर-दराज के इलाकों से पानी लाने को मजबूर हैं। नटेरन में गर्मी का असर चरम पर है और ऐसे में पेयजल संकट लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर रहा है। वहीं ग्राम पंचायतों द्वारा भेजे जाने वाले पानी के टैंकर भी नदारद हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत और संबंधित विभाग इस विकट समस्या की गंभीरता को समझने के लिए तैयार नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि गर्मी शुरू होने से पूर्व कलेक्टर ने सभी एसडीएम और ग्राम पंचायत सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि गर्मियों में किसी भी गांव या क्षेत्र में पेयजल संकट नहीं होना चाहिए। इसी क्रम में नटेरन में एसडीएम द्वारा विशेष बैठक बुलाई गई थी जिसमें जल आपूर्ति की तैयारियों की समीक्षा की गई थी। परंतु बैठक में लिए गए निर्णयों का पालन होता नजर नहीं आ रहा।
वर्तमान में नटेरन मुख्यालय, जो प्रशासनिक दृष्टि से एक प्रमुख स्थान है, वहां भी लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति प्रशासनिक तंत्र की विफलता को उजागर करती है। यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी विकराल हो सकती है।
ग्रामीणों की मांग है कि उच्च अधिकारी स्वयं स्थल पर निरीक्षण करें, लीकेज मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो और टैंकरों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
