भारत की विजय हेतु हनुमान चालीसा का पाठ: सुक्खन अखाड़ा में गूंजे जयघोष।
सामूहिक प्रार्थना में उमड़ी श्रद्धा, राष्ट्रभक्ति की भावना से सराबोर हुआ आयोजन।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
सुक्खन अखाड़ा एवं गायत्री योग अनुसंधान केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में सुक्खन अखाड़ा परिसर में आज एक विशेष धार्मिक आयोजन का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत की सैन्य शक्ति, राष्ट्रीय एकता और विजय के उद्देश्य से समर्पित रहा। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में सामूहिक रूप से पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं योग साधकों ने सहभागिता की।
आयोजन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद पूरे परिसर में हनुमान चालीसा की दिव्य ध्वनि गूंज उठी। श्रद्धालुओं ने एक स्वर में भारत की सेना की रक्षा, शक्ति और सफलता के लिए बजरंगबली से प्रार्थना की। जय बजरंगबली और भारत माता की जय के नारों से वातावरण गूंज उठा, जिसने उपस्थित जनसमुदाय को जोश और उत्साह से भर दिया।
कार्यक्रम में सुक्खन अखाड़ा के अध्यक्ष राजकुमार कांचकार, गायत्री योग अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष मनोज नौगरहिया, योग गुरु गोपाल कृष्ण अग्रवाल, डॉ. सुरेंद्र राजपूत, नंदू खनताल, आनंद सुहाने, केदार सुहाने, अनिल गर्ग, मुकेश नामदेव, मनीष अग्रवाल, बलराम नगरिया, सेनी जी, देवेंद्र राय, राम नरेश विश्वकर्मा, प्रदीप रावत, खलीफा, अभिषेक बर्मन, राजेंद्र खंडेलवाल, झग्गू सोनी, विष्णु सोनी, प्रेमनारायण सोनी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना, आत्मबल, एवं सामूहिक ऊर्जा को जाग्रत करना था। भारत की सीमाओं पर डटे सैनिकों के साहस और समर्पण को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन एक आध्यात्मिक आह्वान के रूप में सामने आया। लोगों ने यह अनुभव किया कि प्रार्थना केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, अपितु राष्ट्रभक्ति की सर्वोच्च अभिव्यक्ति भी हो सकती है।
उपस्थित जनों ने आयोजन के अंत में एक स्वर में देश के प्रति अपने प्रेम, समर्पण और एकजुटता को अभिव्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के आयोजन आगे भी होते रहें, जिससे समाज में आध्यात्मिक और देशभक्ति की भावना सतत प्रवाहित होती रहे।
यह आयोजन श्रद्धा, संकल्प और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक बन गया, जिसने उपस्थित प्रत्येक जन को गहराई से प्रभावित किया और एक नई प्रेरणा दी।