गुम हुए नाबालिक बच्चे को उमरियापान पुलिस ने तीन घंटे में परिजनों से मिलवाया।
FRV-09 की तत्परता और आरक्षक-सैनिक की सतर्कता से मासूम की सकुशल घर वापसी संभव हुई।
उमरिया पान:
थाना उमरियापान पुलिस ने एक बार फिर मानवता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए एक गुमशुदा नाबालिक बच्चे को मात्र तीन घंटे के भीतर खोजकर सकुशल उसके परिजनों से मिलवा दिया। यह कार्यवाही पुलिस की तत्परता, संवेदनशीलता और सतर्कता का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें FRV-09 वाहन, आरक्षक योगेश पटेल और सैनिक संतोष दुबे की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
दिनांक 17 अप्रैल 2025 को थाना उमरियापान क्षेत्र में FRV-09 को इवेंट क्रमांक P25107010011 के तहत एक सूचना प्राप्त हुई। कॉलर कुंदन जी, मोबाइल नंबर 9131992724 के माध्यम से जानकारी दी गई कि पोड़ी खिरवा गांव में एक नाबालिक बच्चा, जिसकी उम्र लगभग 8 वर्ष प्रतीत हो रही है, सड़क किनारे अकेला बैठा है और जोर-जोर से रो रहा है।
सूचना मिलते ही FRV-09 पर तैनात आरक्षक योगेश पटेल एवं सैनिक संतोष दुबे तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्चे को सुरक्षा के साथ अपने साथ लेकर थाना उमरियापान पहुंचे। थाने में बच्चे को शांत कर पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना नाम भोला ठाकुर, पिता राजेंद्र ठाकुर, उम्र 8 वर्ष, निवासी कुदवारी मोहल्ला, थाना उमरियापान बताया।
बच्चे ने बताया कि उसके माता-पिता झिन्ना पिपरिया रोझन क्षेत्र में महुआ बीनने गए हैं और वह किसी कारणवश अकेला घर से निकलकर पोड़ी खिरवा पहुंच गया। उसकी मासूमियत और भयभीत स्थिति ने पुलिस कर्मियों को अत्यधिक संवेदनशील बना दिया और तत्काल उसके परिजनों की तलाश शुरू की गई।
तलाश के दौरान पता चला कि बच्चा अपने दादा रामस्वरूप ठाकुर, पुत्र स्वर्गीय घूरा ठाकुर, निवासी कुदवारी मोहल्ला, उमरियापान के संरक्षण में रहता है। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को उनके सुपुर्द कर दिया और यह सुनिश्चित किया कि बच्चा पूरी तरह सुरक्षित एवं स्वस्थ अवस्था में हो।
इस पूरी कार्यवाही में आरक्षक योगेश पटेल एवं सैनिक संतोष दुबे का सराहनीय योगदान रहा, जिन्होंने मानवीय भावनाओं को सर्वोपरि रखते हुए बच्चे को न केवल समय पर बचाया, बल्कि उसे मानसिक रूप से भी संभालने का कार्य किया।
स्थानीय नागरिकों और परिजनों ने थाना उमरियापान पुलिस की इस मानवता भरी पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। इस कार्य से यह प्रमाणित होता है कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था का ही नहीं, बल्कि समाज में सुरक्षा और संवेदनशीलता का भी सशक्त स्तंभ है।
थाना उमरियापान की यह कार्यवाही अन्य थाना क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनती है, जहां मानवीय सेवा को कर्तव्य से ऊपर माना जाता है।