अनियंत्रित होकर डंपर गेहूं के खेत में पलटा, किसान को भारी नुकसान।
पौनिया गांव के समीप हादसा, ड्राइवर-कंडक्टर सुरक्षित, मुआवजे को लेकर किसान ने की मांग।
कटनी। पौनिया गांव के समीप बीते मंगलवार शाम को एक पत्थर से भरा डंपर अनियंत्रित होकर गेहूं के खेत में पलट गया, जिससे किसान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार, डंपर क्रमांक MP H0787 विश्वकर्मा खदान पौड़ी से पत्थर भरकर झरेला जा रहा था, लेकिन पौनिया गांव के पास अनियंत्रित होकर खेत में पलट गया।
गनीमत यह रही कि इस हादसे में डंपर चालक और परिचालक दोनों सुरक्षित रहे, लेकिन किसान के खेत में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री सड़क के दोनों ओर एक तरफ नाला और दूसरी ओर पानी की पाइपलाइन डाली गई है, जिसके लिए नाली खोदी गई थी। उसी नाली में डंपर का पिछला हिस्सा फंस गया और डंपर खेत में पलट गया।
जब घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने ड्राइवर रोहित बर्मन से हादसे के बारे में जानने की कोशिश की, तो उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। वहीं, जब इस संबंध में विश्वकर्मा माइंस के मैनेजर से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और मामले से बचने का प्रयास करने लगे।
पीड़ित किसान, जिसके गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है, उसने विश्वकर्मा माइंस के खिलाफ मुआवजे की मांग की है। किसान का कहना है कि डंपर के पलटने से उसकी महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई है और अब तक माइंस प्रबंधन ने न ही कोई संपर्क किया और न ही मुआवजे को लेकर कोई आश्वासन दिया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व विश्वकर्मा माइंस का एक ओवरलोड डंपर देवरी सानी के पास एक किसान के खेत में घुश गया था, जिससे किसान को भारी नुकसान हुआ था। लेकिन आज तक माइंस प्रबंधन ने उस किसान को भी कोई मुआवजा नहीं दिया।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ओवरलोड डंपरों पर तत्काल अंकुश लगाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे और किसानों के नुकसान से बचा जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन ओवरलोड वाहन खेतों के आसपास से गुजरते हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
पीड़ित किसान ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप करे और माइंस प्रबंधन को नुकसान की भरपाई करने का आदेश दे। साथ ही ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
इस घटना के बाद से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है और सभी ने प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित किसान को उसका नुकसान कैसे पूरा कराया जाएगा।