रीठी अध्ययन केंद्र में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन।

 रीठी अध्ययन केंद्र में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन।

BSW–MSW छात्रों को यातायात नियमों,हेलमेट,सीट बेल्ट के महत्व और जिम्मेदार नागरिकता पर मिला मार्गदर्शन,पुलिस अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व समन्वयकों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव।

रीठी,ग्रामीण खबर MP।

मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद विकासखंड रीठी द्वारा संचालित BSW एवं MSW पाठ्यक्रम की साप्ताहिक कक्षाओं के अंतर्गत इस रविवार सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता कार्यक्रम का व्यापक आयोजन किया गया। अध्ययन केंद्र में प्रातः सत्र की शुरुआत प्रेरणागीत से हुई, जिसने छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा और एकाग्रता का संचार किया। इसके उपरांत सामूहिक परिचर्चा के दौरान सेक्टर आधारित गतिविधियों, जल संरक्षण एवं जल संचयन अभियान में सहभागिता तथा SIR सर्वे को प्रभावी रूप से पूरा करने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिससे विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व की समझ को और गहरा किया जा सके।

इसके बाद आयोजित मुख्य सत्र—सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता कार्यक्रम—में एस.आई. विनोद पटेल एवं सुशील प्रजापति बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। दोनों अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा के सभी पहलुओं पर अत्यंत स्पष्ट एवं व्यावहारिक जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि सड़क पर चलना, वाहन चलाना और पैदल आवाजाही के दौरान छोटे-छोटे नियमों का पालन न करने से भी बड़े हादसे हो सकते हैं, इसलिए हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह यातायात नियमों को समझे और उनका पालन करे। उन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट, ट्रैफिक सिग्नल, गति सीमा और वाहन चलाते समय मोबाइल उपयोग से होने वाले खतरों की जानकारी सरल उदाहरणों के माध्यम से दी। साथ ही यह भी बताया कि विद्यार्थी अपने परिवारों व समाज में जागरूकता बढ़ाकर दुर्घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

रीठी विकासखंड के समन्वयक जगह सिंह मसराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकारी अभियान नहीं बल्कि सामाजिक दायित्व है। हर नागरिक यदि स्वयं जिम्मेदारी निभाए, तो दुर्घटनाओं में कमी निश्चित रूप से लाई जा सकती है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे न केवल स्वयं नियमों का पालन करें बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी नियमित रूप से इसके लिए प्रेरित करें ताकि सुरक्षित यातायात की संस्कृति को मजबूत किया जा सके।

इस अवसर पर नवांकुर संस्था संरचना समाज कल्याण समिति के प्रतिनिधि उमेश त्रिपाठी, युवा सबेरा समिति से गोवर्धन रजक तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े सदस्यों ने सड़क सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और युवा जागरूकता से संबंधित विषयों पर अपने उपयोगी विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाएँ आज समाज की बड़ी समस्या बन चुकी हैं और युवा पीढ़ी ही बदलाव की सबसे बड़ी आशा है। उन्हें चाहिए कि वे नियमों के पालन और जागरूकता फैलाने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

कार्यक्रम में भारती जनकल्याण समिति से दीक्षा सोनी तथा समाजसेवी पत्रकार बिंजन श्रीवास की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही। उन्होंने छात्रों को समाज में युवा भूमिका, मीडिया की जिम्मेदारी और सामुदायिक सहयोग के महत्व पर विचार व्यक्त किए।

परामर्शदाता अरुण तिवारी एवं शरद यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अपने जीवन में सबसे पहले स्वयं सुरक्षित रहने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने दोपहिया वाहन पर हेलमेट के अनिवार्य उपयोग, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के खतरे, चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट की आवश्यकता तथा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कानूनी परिणामों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी अपील की कि वे अपने घर-परिवार एवं पड़ोस में भी सुरक्षित यातायात के प्रति जागरूकता फैलाएं, क्योंकि सड़क सुरक्षा तभी प्रभावी होगी जब समाज का हर व्यक्ति इसमें सहयोग देगा।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में छात्र-छात्राओं ने सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका अधिकारियों एवं वक्ताओं ने संतोषजनक और तथ्यात्मक उत्तर दिया। इस प्रश्नोत्तर सत्र ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी तथा व्यवहारिक बनाया।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में परामर्शदाता रूपा बर्मन, साक्षी नामदेव, महेश बर्मन, बबिता दुबे, गणपत कोल, पुलकित केसरवानी, राघवेंद्र, झल्लेराम पटेल, दिनेश पटेल, लक्ष्मी बर्मन सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों के साथ सुरक्षित यातायात के नियमों का पालन करने और जागरूक समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के संकल्प के साथ किया गया।


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