अमानक बीज बेचने पर चार विक्रेताओं का प्राधिकार निलंबित।

 अमानक बीज बेचने पर चार विक्रेताओं का प्राधिकार निलंबित।

कलेक्टर आशीष तिवारी की सख़्त कार्रवाई,प्रयोगशाला जांच में दोषी पाए गए विक्रेताओं के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित,किसान हित में जिलेभर में सघन निरीक्षण और कठोर दंडात्मक अभियान जारी।

कटनी,ग्रामीण खबर MP।

जिले में किसानों को गुणवत्तापूर्ण, प्रमाणित और मानक खाद-बीज एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कलेक्टर आशीष तिवारी द्वारा पिछले कुछ माह से लगातार सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इन्हीं निर्देशों के तहत कृषि विभाग की टीमों द्वारा विभिन्न विकासखंडों में औचक निरीक्षण कर दुकानों से खाद और बीज के नमूने लिए जा रहे हैं, जिन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। इसी क्रम में प्रयोगशाला रिपोर्ट में अमानक पाए गए बीजों के आधार पर जिले के चार विक्रेताओं के बीज विक्रय प्राधिकार पत्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बीज गुण नियंत्रण आदेश 1983 की धारा 15 के अंतर्गत की गई है।

अनुज्ञापन अधिकारी एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास डॉ. आर.एन. पटेल ने बताया कि जिलेभर से  बीजों के  कई नमूने लिए गए थे, जिनकी प्रयोगशाला रिपोर्ट प्राप्त होने पर पाया गया कि चार संस्थानों द्वारा बेचे जा रहे बीज अमानक स्तर के हैं। प्रथम प्रकरण में मेसर्स जनता बीज भंडार (प्रो. हिमांशु थारवानी), पहरूआ मंडी रोड कटनी से लिया गया सरसों बीज (किस्म सरिता-333 टीएल), जो महागुजरात सीड प्रा. लिमिटेड का उत्पाद है, गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। रिपोर्ट में पाया गया कि बीज में आवश्यक अंकुरण क्षमता एवं शुद्धता मानक स्तर से कम है। इसे गंभीर मानते हुए संस्था को प्रदाय किया गया बीज विक्रय प्राधिकार पत्र, जिसकी वैधता 27 फरवरी 2029 तक थी, तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

दूसरे मामले में मेसर्स किसान कृषि सेवा केंद्र (प्रो. शिवा पटेल), स्लीमनाबाद, विकासखंड बहोरीबंद से लिए गए गेहूँ बीज (किस्म डीबीडब्ल्यू-303 सीएस), जो जेता सीड्स प्रा. लिमिटेड द्वारा उत्पादित है, की प्रयोगशाला जांच में गंभीर कमियां पाई गईं। इसमें बीज की गुणवत्ता, शुद्धता और अंकुरण प्रतिशत निर्धारित मानकों से कम पाया गया। परिणामस्वरूप इसका प्राधिकार पत्र, जो 23 अगस्त 2029 तक वैध था, निलंबित कर दिया गया है।

तीसरे प्रकरण में मेसर्स अग्रहरि कृषि केंद्र (प्रो. मनोज अग्रहरि), स्लीमनाबाद, बहोरीबंद से लिया गया गेहूँ बीज (किस्म डीबीडब्ल्यू-303 सीएस), जो भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड का उत्पाद है, भी अमानक स्तर का पाया गया। प्रयोगशाला रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि बीज गुणवत्ता में अपेक्षित मानकों का पालन नहीं किया गया। इसके आधार पर संस्था का 30 जुलाई 2027 तक वैध बीज विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित कर दिया गया है।

चौथे मामले में मेसर्स माँ दुर्गा कृषि केंद्र (प्रो. सचिन गुप्ता), बहोरीबंद को बीज नियंत्रण आदेश 1983 के नियम 8(ए), 8(बी), 9 एवं 18(1) के उल्लंघन पर कारण-बताओ नोटिस जारी किया गया था। संस्था को तीन दिवस के भीतर उत्तर देना था, लेकिन निर्धारित समयावधि में कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ। नियमों के उल्लंघन और जवाब न देने को गंभीर मानते हुए 12 जुलाई 2028 तक वैध उसका प्राधिकार पत्र निरस्त कर दिया गया है। साथ ही संबंधित विक्रेता को निर्देश दिया गया है कि संस्थान में उपलब्ध समस्त बीज स्टॉक का विक्रय एक माह के भीतर करें, अन्यथा शेष स्टॉक राजसात कर लिया जाएगा।

कलेक्टर आशीष तिवारी ने कहा कि जिले में किसानों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कृषि विभाग की टीमों को निर्देशित किया गया है कि अमानक बीज, अवैध भंडारण, मिस ब्रांडिंग, टैगिंग में गड़बड़ी, अवैध उर्वरक विक्रय और कीटनाशकों की अनियंत्रित बिक्री पर कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज करने, माल जब्त करने एवं विक्रेता का लाइसेंस निरस्त करने जैसी कार्रवाई तुरंत लागू की जाए।

जिले में यह व्यापक अभियान आगे भी जारी रहेगा। किसानों को भरोसा दिलाया गया है कि प्रशासन हर परिस्थिति में उनके हितों की रक्षा करेगा। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे केवल पंजीकृत विक्रेताओं से ही खाद-बीज खरीदें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी दिखाई दे तो तुरंत कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें।

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