सब जेल सिहोरा में विश्व एड्स दिवस पर व्यापक जागरूकता और स्क्रीनिंग कार्यक्रम,बंदियों में स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति बढ़ा विश्वास।
जागृति युवा मंच समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 79 बंदियों की एचआईवी एवं सिफलिस जांच,सभी रिपोर्ट नॉन-रिएक्टिव,विशेषज्ञों ने दी विस्तृत जानकारी,रंगोली प्रतियोगिता व बैडमिंटन किट वितरण से कार्यक्रम रहा आकर्षण का केंद्र।
सिहोरा,ग्रामीण खबर MP।
विश्व एड्स दिवस पखवाड़े के अंतर्गत सब जेल सिहोरा में आयोजित जागरूकता और स्क्रीनिंग कार्यक्रम ने स्वास्थ्य सुरक्षा तथा सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 6 दिसंबर को जागृति युवा मंच समिति (टीआई) द्वारा संपन्न इस कार्यक्रम में एचआईवी एवं सिफलिस की जांच के साथ-साथ व्यापक स्तर पर जानकारी, संवाद, परामर्श और जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। कुल 79 बंदियों की जांच की गई, जिनकी सभी रिपोर्ट नॉन-रिएक्टिव होने से प्रशासन और बंदियों दोनों में राहत और विश्वास का माहौल बना।
परियोजना प्रबंधक मनीषा पटेल ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए HIV/AIDS से संबंधित वैज्ञानिक तथ्यों, संक्रमण के वास्तविक कारणों, बचाव के आधुनिक तरीकों, एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी और समाज में व्याप्त विभिन्न भ्रांतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जागरूकता ही एचआईवी रोकथाम का सबसे प्रभावी उपाय है तथा प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि वह भेदभाव, घृणा या गलत धारणाओं से दूर रहकर जिम्मेदार और संवेदनशील व्यवहार अपनाए। उन्होंने बंदियों को यह भी आश्वस्त किया कि संक्रमण की स्थिति में आज इलाज पूरी तरह उपलब्ध है और समय पर जांच करवाना सबसे आवश्यक कदम है।
पीयर अब्दुल, सत्तार और तुषार ने अपनी फील्ड अनुभवों के आधार पर बंदियों को बताया कि एचआईवी से जुड़े डर, भ्रम और सामाजिक दूरी को केवल सही जानकारी और परस्पर सहयोग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने सुरक्षित व्यवहार, नियमित जांच, काउंसलिंग, तथा जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के महत्व पर जोर दिया।
जेल इंटरवेंशन नितेश लखेरा ने एचआईवी संक्रमण के प्रति प्रचलित मिथकों का वैज्ञानिक आधार पर खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि आम दैनिक संपर्क, भोजन-साझा, हाथ मिलाना, कपड़े या बर्तन साझा करने जैसी गतिविधियों से संक्रमण नहीं फैलता। उन्होंने यह भी बताया कि जेल जैसी संस्थाओं में स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने से बंदियों का मनोबल बढ़ता है और उन्हें समाज में पुनर्स्थापित होने की प्रेरणा मिलती है।
जेलर दिलीप नायक ने HIV एक्ट 2017 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति के प्रति गोपनीयता, समान अधिकार और सम्मानपूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है। उन्होंने जागृति युवा मंच समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को अनुमोदन देते हुए इसे बंदियों के कल्याण हेतु आवश्यक और सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम बंदियों में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाते हैं और उन्हें नई उम्मीद और विश्वास प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान सकारात्मक वातावरण बनाने और बंदियों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बंदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विविध रंगों और संदेशों से सजी रंगोली ने कार्यक्रम को आकर्षक बनाया और प्रतिभागियों में रचनात्मकता तथा आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया।
साथ ही, बंदियों को शारीरिक गतिविधि और मानसिक आनंद बढ़ाने के लिए बैडमिंटन किट भी भेंट की गई। यह पहल मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य सुधार और तनाव कम करने में सहायक साबित होगी। जेल प्रशासन ने इस प्रयास की सराहना की और कहा कि बंदियों को रचनात्मक और सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ना सुधार गृह व्यवस्था का महत्वपूर्ण पहलू है।
कार्यक्रम में फार्मासिस्ट रोशनी गौर, जय किशन केवट, काउंसलर आयुषी ताम्रकार, आउटरीच स्टाफ प्रेमशंकर पनोरिया, नितेश शाहू, अब्दुल रहीम, सत्तार, तुषार तथा समाजसेविका आयुषी साहू सहित पूरी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई और स्वास्थ्य परीक्षण, मार्गदर्शन तथा जागरूकता सत्रों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जागृति युवा मंच समिति का यह प्रयास न केवल बंदियों को सुरक्षित और जागरूक जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करता है, बल्कि जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समावेशन, स्वास्थ्य सुरक्षा, भ्रांति-निर्मूलन और मानवीय संवेदनाओं को मजबूत करना रहा, जिसे पूर्ण प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट समन्वय के साथ सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।
ग्रामीण खबर MP-
जनमानस की निष्पक्ष आवाज
प्रधान संपादक:अज्जू सोनी |संपर्क:9977110734
