सिहोरा में आक्रोश चरम पर,अन्न सत्याग्रही प्रमोद साहू की हालत नाजुक।

 सिहोरा में आक्रोश चरम पर,अन्न सत्याग्रही प्रमोद साहू की हालत नाजुक।

दो दिन में 5.75 किलो वजन घटने से बढ़ी चिंता,आज महा जुड़ाव और संपूर्ण बंद,जल त्याग की घोषणा से आंदोलन और उग्र, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर गुस्सा।

सिहोरा,ग्रामीण खबर MP।

सिहोरा को जिला बनाए जाने की लंबे समय से उठ रही मांग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अन्न त्याग कर अन्न सत्याग्रह कर रहे पूर्व संघ प्रचारक प्रमोद साहू की हालत दूसरे ही दिन गंभीर हो गई है। सोमवार दोपहर जारी स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार उनका वजन 5.75 किलोग्राम तक घट गया, जिससे उनका शरीर निढाल और कमजोर हो गया है। उनकी बिगड़ती स्थिति ने पूरे क्षेत्र में चिंता और आक्रोश दोनों को चरम पर पहुंचा दिया है।

धरना स्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार प्रमोद साहू की कमजोरी स्पष्ट दिख रही है, लेकिन उनका संकल्प अडिग है। उनका कहना है कि जब तक सिहोरा को जिला बनाने पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक यह त्याग और संघर्ष जारी रहेगा।

प्रमोद साहू की हालत बिगड़ते ही पूरे सिहोरा में आमजन का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति का स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं और अधिकारों की लगातार अनदेखी का परिणाम है।

इधर, पुराने बस स्टैंड पर आंदोलन के छठवें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा। सिहोरा वार्ड नंबर पांच के पार्षद अरशद खान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया। गहोई समाज सहित विभिन्न समाजों की भागीदारी से आंदोलन और अधिक मजबूत हो गया है।

अन्न त्याग के बाद अब प्रमोद साहू ने जल त्याग की घोषणा कर दी है, जिससे प्रशासन की चिंता और जनता की बेचैनी दोनों बढ़ गई हैं। आंदोलन समिति ने इसे संघर्ष का उग्र चरण बताते हुए कहा है कि अब सरकार को तत्काल निर्णय लेना ही होगा।

व्यापारी वर्ग ने भी आंदोलन का खुला समर्थन करते हुए 9 दिसंबर से संपूर्ण सिहोरा और खितौला बंद रखने का निर्णय लिया है। बंद के समर्थन में जनता का व्यापक जुड़ाव देखा जा रहा है।

इस बीच विधायक और सांसद की चुप्पी पर जनता में गहरा रोष है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि जब चुप बैठ जाएं तो जनता आखिर किससे उम्मीद करे?

आंदोलन समिति ने बहोरीबंद, मझौली, ढीमरखेड़ा और सिहोरा क्षेत्र के लोगों से दोपहर 11 बजे पुराने बस स्टैंड पर पहुंचने का आह्वान किया है। समिति का दावा है कि आज का दिन सिहोरा आंदोलन के इतिहास में निर्णायक साबित होगा।

आयोजकों ने यह भी घोषणा की है कि यदि प्रदर्शन के बाद भी सरकार द्वारा सिहोरा जिला पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तो आज शाम तीन बजे से बस स्टैंड में सिहोरा वासी आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे।

सिहोरा का माहौल लगातार गर्म हो रहा है। यह आंदोलन अब सिर्फ मांग नहीं, बल्कि जनता की चिंता, चेतावनी और आक्रोश की एक प्रबल पुकार बन चुका है।

क्रमिक अनशन में बैठे लोग:

अरशद खान, महेंद्र वंशकार, लालू यादव, रईस खान, हरी प्रसाद गुप्ता, सतीश गिरी महाराज, सत्येंद्र पांडे, शेख इजराइल, गिरधर सरावगी, राकेश गुप्ता, फैसल शाह, जाकिर अली, साजिद मकरानी, अफजल बैग, शेख इसदाद, मोंटी मंसूरी, साजिद खान, जावेद खान, साजिद अंसारी, वसीद अली, प्रशांत मिश्रा, अनिल कन कने, अनिल जैन, शकील अजहर अली, सुमन पटेल, रूपाली सराफ, संगीता विश्वकर्मा, पार्वती पटेल, अंजना साहू, आरती रजक, शिवांगी साहू, राधा साहू।

ग्रामीण खबर MP-

जनमानस की निष्पक्ष आवाज

प्रधान संपादक:अज्जू सोनी |संपर्क:9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post