कलेक्टर ने सिकमी,बटाईदार किसानों के सत्यापन हेतु संयुक्त दल किया गठित,12 दिसंबर तक उपार्जन केन्द्र न आने की अपील।
ई-उपार्जन पोर्टल पर 12 दिसंबर तक होगा पुनः सत्यापन,पूरा सत्यापन उपरांत ही स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया शुरू।
कटनी,ग्रामीण खबर MP।
खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य को सुव्यवस्थित, पारदर्शी और निर्बाध बनाने के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कलेक्टर आशीष तिवारी ने सिकमी तथा बटाईदार कृषकों के पंजीयन के पुनः सत्यापन के लिए खाद्य, राजस्व एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों का संयुक्त जांच दल गठित कर दिया है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस दल द्वारा सभी पंजीकृत किसानों का सत्यापन कार्य अधिकतम 12 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए, ताकि उपार्जन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए और पात्र किसानों को समय पर लाभ मिल सके।
शुक्रवार देर शाम आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर ने जिले में चल रहे संपूर्ण उपार्जन व्यवस्थाओं की बिंदुवार समीक्षा की। बैठक में उपार्जन प्रक्रिया, एसआईआर की प्रगति, ई-केवाईसी, सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण की स्थिति और किसानों के पंजीयन संबंधित कार्यों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी ने अवगत कराया कि गठित संयुक्त दल गांव-गांव जाकर सिकमी और बटाईदार किसानों के पंजीयन का सत्यापन कर रहा है और 12 दिसंबर तक सभी पात्र कृषकों का सत्यापन ई-उपार्जन पोर्टल पर पूर्ण कर लिया जाएगा।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी पात्र किसान का सत्यापन न छूटे और सत्यापन के दौरान भू-अधिकार अभिलेख, बटाईदार व्यवस्था, भूमि उपयोग, पंजीयन विवरण तथा किसान की स्थिति से संबंधित सभी दस्तावेजों का सूक्ष्म निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है, और गलत पंजीयन या अपात्र किसान का नाम शामिल होने से नियमित और पात्र किसानों को अनावश्यक दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सिकमी एवं बटाईदार किसानों के लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा शुरू की जाएगी। स्लॉट बुकिंग के उपरांत ही किसान निर्धारित समय पर उपार्जन केन्द्रों पर अपनी उपज लेकर आ सकेंगे। इसी कारण सभी सिकमी, बटाईदार कृषकों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे 12 दिसंबर 2025 तक किसी भी उपार्जन केन्द्र पर धान लेकर न आएँ, अन्यथा उन्हें लौटना पड़ सकता है क्योंकि सत्यापन पूर्ण हुए बिना धान की खरीदी नहीं हो सकेगी।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम किसानों को अनावश्यक भीड़, परेशानी और समय की हानि से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। सत्यापन पूर्ण होने के बाद किसान भाई निर्धारित स्लॉट के अनुसार सहज और व्यवस्थित ढंग से अपनी उपज बेच सकेंगे, जिससे न केवल उपार्जन केन्द्रों पर भीड़ नियंत्रण में रहेगी, बल्कि धान की खरीदी भी त्वरित एवं पारदर्शी रूप से संपन्न हो सकेगी। कलेक्टर ने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सत्यापन एवं उपार्जन कार्य को पूरी तत्परता से संपन्न करें।
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