बिजली संकट पर बड़ा निर्णय,ढीमरखेड़ा में हुई अहम बैठक,विधायक बोले समस्याएँ अब जल्द होंगी खत्म।
फॉल्ट सुधार,ट्रांसफॉर्मर बदलने और लाइन मेंटेनेंस पर बने ठोस निर्देश,किसानों को सिंचाई के समय नियमित बिजली सप्लाई का भरोसा।
ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर MP।
बड़वारा विधानसभा के जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में विद्युत व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से एक विस्तारित एवं महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही बिजली समस्याओं—फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर खराबी, अनियमित सप्लाई और लो-वोल्टेज—के समाधान के लिए अत्यंत निर्णायक मानी गई। बैठक की अध्यक्षता क्षेत्र के विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने की, जिसमें जनप्रतिनिधियों और विद्युत विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस संयुक्त सहभागिता ने बैठक को अधिक प्रभावी और परिणामकारी बना दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों में खराब बिजली व्यवस्था के कारण उपभोक्ताओं और किसानों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। रबी सीजन की शुरुआत में सिंचाई के लिए निर्बाध बिजली की जरूरत को देखते हुए यह बैठक सही समय पर हुई और इससे ग्रामीणों में नई उम्मीद जगी है।
बैठक में मंडल अध्यक्ष उमरिया पान आशीष चौरसिया, ढीमरखेड़ा मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी, सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी, विलायतकला मंडल अध्यक्ष अजय सोनी, बड़वारा मंडल अध्यक्ष अनुराग गुप्ता, भाजपा नेता योगेन्द्र सिंह ठाकुर, जनपद सीईओ यजुर्वेद कोरी, जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे,पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय, महामंत्री सोनू गौतम सहित कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे। वहीं विद्युत विभाग के DE, AE एवं JE ने भी पूरी टीम के साथ उपस्थित होकर क्षेत्र की बिजली समस्याओं का बिंदुवार विश्लेषण किया।
बैठक में विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने साफ कहा कि बिजली सुविधा जनता का अधिकार है और किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन ट्रांसफॉर्मरों में बार-बार समस्या आ रही है, उन्हें तत्काल बदलने की कार्रवाई की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में लो-वोल्टेज और बार-बार कटौती की शिकायतों पर अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर जवाबदेह किया गया। उन्होंने कहा कि यदि विभागीय कार्य समयसीमा में पूरे नहीं हुए तो संबंधित कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई निश्चित है।
किसानों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देते हुए विधायक ने आश्वासन दिया कि कृषि फीडरों की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाएगी। किसी भी गांव में ट्रांसफॉर्मर खराब होने पर 24 से 48 घंटे के भीतर उसे बदलने की व्यवस्था सुनिश्चित रहेगी। किसानों को कहा गया कि वे अपनी समस्या सीधे जनप्रतिनिधियों या विभाग के अधिकृत नंबरों पर दर्ज कराएँ, जिससे तुरंत कार्रवाई हो सके। रबी फसल की तैयारी को देखते हुए सिंचाई के समय बिजली सप्लाई को विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया गया है।
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बैठक में विस्तृत कार्ययोजना भी प्रस्तुत की। इसमें उन क्षेत्रों का लाइन सर्वे शामिल है जहाँ बार-बार फॉल्ट की स्थिति बनती है। पुराने और जर्जर पोल एवं तारों को हटाकर नए उपकरणों की स्थापना की जाएगी। फॉल्ट सुधार कार्य में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त तकनीकी स्टाफ की तैनाती तथा 33/11 केवी सबस्टेशनों की नियमित सर्विसिंग को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात कही गई। उपभोक्ताओं की शिकायतों का रिकॉर्ड रखकर समयसीमा में समाधान करने का भी आश्वासन दिया गया।
बैठक के बाद ग्रामीणों, किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में भरोसा जगा है कि आने वाले दिनों में बिजली व्यवस्था पहले की तुलना में अधिक सुचारू और स्थिर होगी। सिंचाई कार्य में अब बाधा न आए, इसके लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधि दोनों सक्रिय हैं। बैठक के निर्णयों और निर्देशों से यह स्पष्ट हो गया है कि ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बिजली सुधार की प्रक्रिया अब तेज गति से आगे बढ़ने वाली है।
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