कलेक्टर के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई-दो मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस 5 दिन के लिए निलंबित,तीन अन्य पर भी रोक।
औषधि निरीक्षकों की जांच में नियम उल्लंघन सामने आने पर सख्त हुई प्रशासनिक मशीनरी — फार्मेसी संचालकों को कारण बताओ नोटिस देने के बाद लिया गया निर्णय।
कटनी,ग्रामीण खबर MP।
कलेक्टर आशीष तिवारी के निर्देश पर जिले में औषधि निरीक्षकों की टीम ने सघन निरीक्षण अभियान चलाते हुए कई मेडिकल स्टोर्स की जांच की। जांच के दौरान नियमों के उल्लंघन और औषधि विक्रय से संबंधित अनियमितताएं सामने आने पर प्रशासन ने कठोर रुख अपनाते हुए कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में दो मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि ढीमरखेड़ा क्षेत्र के तीन मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है।
यह कार्रवाई जिले में औषधियों की गुणवत्ता, भंडारण, वैध अनुज्ञप्ति और प्रशिक्षित फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई। कई बार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ मेडिकल स्टोर्स पर बिना योग्य फार्मासिस्ट के दवाओं का विक्रय किया जा रहा है, वहीं कुछ दुकानों में रिकॉर्ड संधारण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने औषधि निरीक्षण दल को जांच के निर्देश दिए थे।
औषधि निरीक्षक दल द्वारा अग्रवाल मार्केट, स्लीमनाबाद तिराहा स्थित विनायक मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स एवं समदड़िया कॉलोनी, माधवनगर स्थित एस. एस. मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स की जांच की गई थी। निरीक्षण के दौरान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा नियमावली 1945 के नियम 65 (3)(4) के उल्लंघन का मामला सामने आया। जांच दल ने दोनों संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, किंतु उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके बाद औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी मनीषा धुर्वे द्वारा दोनों दुकानों की औषधि अनुज्ञप्तियां पांच दिवस के लिए निलंबित कर दी गईं। निलंबन की अवधि में दुकानों पर किसी भी प्रकार का औषधि क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
इसी क्रम में औषधि निरीक्षकों की टीम ने ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम सिलौड़ी स्थित मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राय मेडिकल स्टोर्स, आरोग्य ड्रग स्टोर्स एवं सचिन फार्मेसी बंद पाई गईं। दुकानों के बंद रहने पर तीनों संचालकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसमें उनसे औषधि अनुज्ञप्तियों से संबंधित समस्त दस्तावेज, क्रय-विक्रय बीजक तथा फार्मासिस्ट की उपस्थिति का प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
परंतु नियत तिथि तक न तो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए और न ही संचालक स्वयं कार्यालय में उपस्थित हुए। इस पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने तीनों दुकानों की अनुज्ञप्तियों को अग्रिम आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन की अवधि में इन दुकानों से औषधियों का विक्रय या क्रय नहीं किया जा सकेगा।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि औषधि व्यवसाय से जुड़े सभी संचालकों को नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अनुशासनात्मक कदम नहीं बल्कि जनहित में उठाया गया सख्त निर्णय है, जिससे जनता को अप्रामाणिक या असुरक्षित औषधियों से बचाया जा सके।
औषधि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी निरीक्षण अभियान जारी रहेगा। जो भी मेडिकल स्टोर्स बिना वैध लाइसेंस, अपात्र व्यक्ति के नाम से या बिना फार्मासिस्ट की उपस्थिति में संचालित पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध न केवल लाइसेंस निलंबन बल्कि निरस्तीकरण तक की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की इस कार्रवाई से जिलेभर के मेडिकल स्टोर्स संचालकों में हड़कंप मच गया है। कई संचालक अपने दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच कराने जिला औषधि कार्यालय पहुंच रहे हैं। वहीं आमजन ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यदि इस तरह के सख्त कदम नियमित रूप से उठाए जाएं, तो नकली और अनुचित दवाओं की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।
कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भविष्य में औषधि विक्रेताओं की ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था भी विकसित की जाएगी, जिससे दवा विक्रेताओं के लाइसेंस, स्टॉक और क्रय-विक्रय विवरण का वास्तविक समय में निरीक्षण संभव हो सके। इस कदम से औषधि विक्रय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं का विश्वास भी मजबूत होगा।
यह कार्रवाई न केवल नियम पालन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जिले में सुरक्षित औषधि वितरण प्रणाली स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा संदेश है कि अब लापरवाही या मनमानी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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