पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही,आधा अधूरा काम छोड़ भागा ठेकेदार।

 पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही,आधा अधूरा काम छोड़ भागा ठेकेदार।

एसडीओ विकल्प पटेल की मिलीभगत से महनेर में नल-जल योजना में घोर अनियमितता, करोड़ों की राशि बर्बाद, ग्रामीणों ने जांच और सख्त कार्रवाई की मांग उठाई।

उमरिया पान,ग्रामीण खबर mp:

जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम महनेर में संचालित सार्वजनिक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग की नल-जल योजना में भारी अनियमितता और लापरवाही के गंभीर आरोप सामने आए हैं। लगभग 1 करोड़ 7 लाख 64 हजार रुपये की लागत से चल रहे इस निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा अधूरा कार्य छोड़कर भाग जाना और उसमें गुणवत्ता की गंभीर कमी की बातें उजागर हुई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पूरे प्रकरण में विभाग के एसडीओ विकल्प पटेल की सीधी मिलीभगत है, जो ठेकेदार को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेमंत कंन्ट्रक्शन कंपनी को ग्राम महनेर में पेयजल सुविधा सुदृढ़ करने के उद्देश्य से टंकी निर्माण और लगभग 6500 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का ठेका दिया गया था। योजना का उद्देश्य था कि ग्राम के प्रत्येक परिवार को घर पर नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल मिल सके। किंतु जमीनी हकीकत इससे पूरी तरह अलग है। कंपनी द्वारा बनाई गई पानी की टंकी आकार में छोटी है और निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, जिससे उसकी मजबूती और दीर्घकालिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सबसे बड़ी गड़बड़ी पाइपलाइन बिछाने में देखने को मिली। ग्रामीणों का कहना है कि शासन के नियमों के अनुसार पाइपलाइन बिछाने के लिए न्यूनतम डेढ़ मीटर गहराई की खुदाई की जानी चाहिए थी, परंतु ठेकेदार ने सिर्फ लगभग 1 फीट गहरी नाली में ही पाइप डाली है। इसके बाद उसकी ढलाई (सीमेंट-कंक्रीट) भी नहीं की गई। परिणामस्वरूप पाइप जगह-जगह बाहर झाँकने लगी है और नालियों में गड्ढे बन गए हैं। गांव में कई बार बच्चे और बुजुर्ग इन गड्ढों में गिरकर घायल हो चुके हैं।

इस संदर्भ में जब कुछ जागरूक नागरिकों ने जानकारी एकत्र कर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, तब यह बात सामने आई कि एसडीओ विकल्प पटेल इस पूरे कार्य की निगरानी कर रहे हैं, बावजूद इसके उन्होंने न केवल ठेकेदार की लापरवाही पर आंखें मूंद लीं, बल्कि शिकायतों को भी अनसुना कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि यह मिलीभगत का सीधा मामला है, जिसमें ठेकेदार और अधिकारी दोनों लाभान्वित हो रहे हैं जबकि योजना का लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा।

ग्राम महनेर के जागरूक निवासी सहित अन्य ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिला प्रशासन से मांग की है कि इस योजना के कार्यों की तकनीकी जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और निर्माण कार्य को नए सिरे से पूर्ण कर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

उक्त योजना को लेकर ग्राम में गहरा आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे और पीएचई कार्यालय का घेराव भी करेंगे। वहीं, पंचायत प्रतिनिधियों ने भी इस विषय में चुप्पी साध रखी है, जिससे स्थिति और संदिग्ध हो गई है।

यह मामला प्रशासन के लिए एक कड़ी परीक्षा है कि वह भ्रष्टाचार और लापरवाही के इस गठजोड़ को तोड़कर आम जनता को उनके अधिकारों की पूर्ति सुनिश्चित कराए। यदि इस पर जल्द संज्ञान नहीं लिया गया, तो शासन की योजनाएं केवल कागजों पर सिमट कर रह जाएंगी, और सरकारी धन की इस तरह की बर्बादी आगे भी जारी रहेगी।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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