स्वच्छता सर्वेक्षण में कटनी को मिला आठवां स्थान,कांग्रेस ने बताया भ्रमित करने वाला सम्मान।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा—नालियों की बदहाली, सीवर की खुदाई और भ्रष्टाचार के बीच आठवां स्थान सिर्फ कागजों में।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में कटनी नगर निगम को देशभर में आठवां स्थान मिला है। इस उपलब्धि को जहां स्थानीय प्रशासन और सत्तारूढ़ दल बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने इसे ‘दिन में सपना दिखाने’ जैसा करार देते हुए सर्वेक्षण की पारदर्शिता और प्रामाणिकता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वास्तविक स्थिति से कोसों दूर यह रैंकिंग, शहर की जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाती। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में लंबे समय से सीवर लाइन की खुदाई बिना किसी सूचना के चालू रहती है, जो महीनों तक अधूरी पड़ी रहती है। इससे रास्ते संकरे हो जाते हैं, जगह-जगह गड्ढे बन जाते हैं, और इनसे बहने वाली गंदगी से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शहर की सड़कें गड्ढों से भरी हैं, नालियों का पानी सड़कों पर बहता है, और कचरे के ढेर मोहल्लों में खुलेआम फैले रहते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में शहर ने सफाई के मानकों पर इतना शानदार प्रदर्शन किया, या यह सिर्फ दिखावे की जीत है।
श्री चौहान ने बताया कि भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित स्वच्छता सर्वेक्षण के तीन मुख्य स्तंभ होते हैं—सेवा स्तर पर प्रगति, नागरिकों की भागीदारी और सतत स्वच्छता का मूल्यांकन। उन्होंने कहा कि कटनी में इन तीनों का पालन महज औपचारिकता भर रहा।
सेवा स्तर की बात करें तो खुले में शौच पर रोक, गीला-सूखा कचरे का पृथक्करण और उसका वैज्ञानिक तरीके से निपटान जैसी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों में दर्शाई गई हैं। चौहान ने आरोप लगाया कि सर्वेक्षण टीम के आने से पहले कुछ दिनों के लिए सफाई अभियान चलाकर झूठी तस्वीर पेश की गई, जबकि सामान्य दिनों में स्थिति बेहद बदहाल रहती है।
नागरिकों की भागीदारी के स्तंभ पर बात करते हुए श्री चौहान ने बताया कि शहरवासियों से कोई सीधा संवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के लिए चिन्हित लोगों को एक स्थान पर बुलाकर औपचारिकता निभा दी गई, जबकि न तो शहर के आम नागरिकों को कोई फोन कॉल आया, न ही ऑन-फील्ड टीमों ने वास्तव में आम जनता से बातचीत की।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कटनी नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो पहले प्रदेश स्तर पर स्वच्छता अभियान से जुड़े हुए थे, उनकी पुरानी नजदीकियों का लाभ इस रैंकिंग में कटनी को मिला है। उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण टीम को चार सितारा होटल में ठहराया गया, शानदार भोजन कराया गया और विदाई के समय ‘सम्मानजनक भेंट’ भी दी गई, जिसने उनकी राय को प्रभावित किया हो सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि कटनी शहर की जनता ने हमेशा जागरूकता दिखाई है। उन्होंने याद दिलाया कि जब नगर निगम की कार्यप्रणाली से नागरिक परेशान हुए तो उन्होंने एक किन्नर को महापौर चुना, फिर एक निर्दलीय पुरुष को, और हाल ही में भी एक निर्दलीय महिला महापौर को विजयी बनाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वे पारंपरिक दलों की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कटनी जैसी स्थिति वाले शहर को आठवां स्थान मिल सकता है, तो यह देश के अन्य शहरों के लिए भी एक चिंताजनक संकेत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस सर्वेक्षण प्रक्रिया की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जिससे यह साफ हो सके कि कहीं प्रशासनिक और राजनीतिक प्रभावों से यह रैंकिंग तो नहीं गढ़ी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अंत में कहा कि जनता को भ्रम में डालने की बजाय वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी है। जब तक गंदगी, नालियों की दुर्गति, सीवर की बदहाली और भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगती, तब तक कोई भी रैंकिंग सिर्फ एक प्रचार का साधन भर है।
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