अवैध अतिक्रमण से बदहाल हुई सिलौंडी ग्राम की गलियां, मूल स्वरूप हुआ खत्म, आपात सेवाएं ठप।

 अवैध अतिक्रमण से बदहाल हुई सिलौंडी ग्राम की गलियां, मूल स्वरूप हुआ खत्म, आपात सेवाएं ठप।

सिलौंडी ग्राम पंचायत की लापरवाही से ग्रामीणों को रोजमर्रा की समस्याएं; अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नहीं हुई अब तक कोई कार्रवाई।

सिलौड़ी,ग्रामीण खबर mp:

ढीमरखेड़ा क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में शामिल ग्राम पंचायत सिलौंडी के हालात इन दिनों अत्यंत चिंताजनक हो गए हैं। पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी 20 वार्डों की गलियों का मूल स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ चुका है। इसकी प्रमुख वजह है गांव में निरंतर फैलता जा रहा अतिक्रमण, जिसे लेकर न तो पंचायत प्रशासन गंभीर है और न ही राजस्व अमला कोई ठोस कार्यवाही कर रहा है।

गांव की लगभग हर गली में किसी ने टीन शेड डाल रखा है, तो किसी ने चौड़ी पट्टी या रैम्प बनाकर अपने मकान की सीमा सड़क तक बढ़ा दी है। नालियों तक को नहीं छोड़ा गया है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने खुलेआम सड़क के किनारे अवैध निर्माण कर गलियों की चौड़ाई को आधे से भी कम कर दिया है। पहले जो गलियां 20 फीट चौड़ी हुआ करती थीं, वहां अब दोपहिया वाहन भी मुश्किल से निकल पाते हैं। इससे न केवल सामान्य आवाजाही बाधित हो रही है, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसे जरूरी वाहनों का गांव के अंदर पहुंचना भी असंभव हो गया है।

भवन निर्माण कार्य करने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को निर्माण सामग्री गांव तक लाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ दबंग किस्म के लोग ऐसी स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए गरीबों के खिलाफ विरोध और अपशब्द तक का प्रयोग कर रहे हैं। बीते दिनों की बात है, जब एक विधवा महिला द्वारा अपने अधूरे मकान के निर्माण हेतु रेत-बजरी मंगवाने के प्रयास पर धरमपुरा मोहल्ला के एक व्यक्ति ने उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और अपशब्द कहे। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई और अतिक्रमण की गंभीरता को उजागर कर गई।

स्थानीय लोगों ने इस विषय में कई बार ग्राम पंचायत सिलौंडी का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। राजस्व विभाग के हल्का पटवारी को भी सूचना दी गई, मगर उन्होंने भी इस दिशा में कोई संज्ञान नहीं लिया। पंचायत स्तर पर भी ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई जिससे अतिक्रमण हटाकर गांव की मूल बनावट को बहाल किया जा सके।

गांव के मुख्य मार्गों का हाल और भी बदतर है। झंडा चौक से लेकर सोनी मोहल्ला, कछियाना, संगम कॉलोनी तथा वार्ड क्रमांक 1, 2, 3, 6, 7, 15, 16 और 17 तक सभी गलियां अतिक्रमण के कारण संकरी हो चुकी हैं। विशेषकर झंडा चौक से कछियाना जाने वाली मुख्य सड़क, जो कि सिलौंडी के बस स्टैंड से सीधी जुड़ती है, सबसे अधिक प्रभावित है। इस मार्ग पर दिन भर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, यहां पैदल निकलना भी दूभर हो गया है। दोनों ओर व्यापारियों और मकान मालिकों द्वारा की गई कब्जेदारी ने इस मार्ग को अराजकता की स्थिति में ला दिया है।

इसी प्रकार शिव चौक से कछियाना को जोड़ने वाला मार्ग भी अतिक्रमण की चपेट में है। यहां भी चौड़ी पट्टियों, शेडों और दीवारों के कारण सड़क का आधे से अधिक भाग अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। यह मार्ग दशहरा, गणेश उत्सव एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के जुलूस के लिए प्रमुख है, लेकिन अतिक्रमण के कारण प्रतिमाएं गलियों में अटक जाती हैं और बार-बार विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। इससे न केवल सामाजिक सौहार्द प्रभावित होता है, बल्कि आयोजन भी बाधित होते हैं।

पिछले वर्षों में पुलिस चौकी सिलौंडी में आयोजित शांति समिति की बैठकों में भी यह मुद्दा बार-बार उठाया गया है। समिति के सदस्यों द्वारा पंचायत और प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज भी गांव की सड़कों पर अवैध कब्जा लगातार बढ़ रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

ग्रामीणों की मांग है कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और गांव की प्रमुख गलियों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। इसके लिए उन्होंने बड़वारा विधायक, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं कटनी जिला कलेक्टर से भी गुहार लगाई है कि वे इस गंभीर समस्या का संज्ञान लें और गांव को मूल स्वरूप में लौटाने की पहल करें।


सिलौंडी ग्राम पंचायत का यह मामला केवल एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और पंचायत प्रशासन की निष्क्रियता का प्रतीक है। अगर समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है, जिससे जन-जीवन के साथ-साथ सामाजिक समरसता भी प्रभावित हो सकती है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर MP

संपर्क सूत्र:9977110734

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