कांग्रेस अध्यक्ष चयन के लिए टैलेंट हंट जैसी प्रक्रिया में वन टू वन चर्चा, संगठन सृजन अभियान के तहत बहोरीबंद से शुरू हुआ नया प्रयोग।
बरसते पानी में बहोरीबंद पहुंचे राष्ट्रीय और प्रादेशिक पर्यवेक्षक, सैनी मैरिज गार्डन में हुई बैठक और कटनी में अध्यक्ष पद के दावेदारों से व्यक्तिगत बातचीत।
कटनी,ग्रामीण खबर mp।
कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल के अंतर्गत "संगठन सृजन अभियान" शुरू किया गया है, जिसकी शुरुआत बहोरीबंद तहसील मुख्यालय से हुई। बरसात के मौसम में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह कम नहीं हुआ, जब राष्ट्रीय पर्यवेक्षक विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह, प्रादेशिक पर्यवेक्षक अजय मिश्रा बाबा (महापौर रीवा), जिला कांग्रेस प्रभारी वीरेंद्र द्विवेदी एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष करण सिंह चौहान बहोरीबंद स्थित सैनी मैरिज गार्डन में आयोजित बैठक में शामिल हुए।
बैठक में स्थानीय और क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी उपस्थिति रही। पर्यवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए संगठन की जमीनी मजबूती, कार्यशैली और प्राथमिकताओं पर चर्चा की। संगठन को केवल चुनावों के समय नहीं, बल्कि निरंतर सक्रिय और जिम्मेदार बनाए रखने की दिशा में विचार रखे गए।
बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि संगठन सृजन अभियान कोई आकस्मिक या अल्पकालिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस संगठन की नियमित और भविष्यदृष्टि से जुड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि जो लोग संकट के समय पार्टी के साथ नहीं होते, उन्हें चिन्हित कर संगठन को मजबूत लोगों से जोड़ा जाना जरूरी है। संगठन केवल भीड़ से नहीं, प्रतिबद्धता और विचारधारा से चलता है।
प्रादेशिक पर्यवेक्षक अजय मिश्रा बाबा ने स्पष्ट किया कि अब कांग्रेस अपने कार्यक्रमों को केवल जिला या शहर स्तर पर नहीं रखेगी, बल्कि पंचायत स्तर तक पहुंचकर कार्यकर्ता और जनता के बीच संगठन की उपस्थिति को निरंतर बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब सांगठनिक ढांचे को उतना ही मज़बूत किया जाएगा, जितना शहरी क्षेत्रों में है।
इस बैठक के बाद कटनी सर्किट हाउस में कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदारों से वन टू वन चर्चा की गई। यह चर्चा एक तरह से पार्टी के भीतर नेतृत्व चयन के लिए टैलेंट हंट जैसी प्रक्रिया का हिस्सा रही, जिसमें हर दावेदार से अलग-अलग, गंभीर और गहन वार्ता हुई। दावेदारों की विचारधारा, संगठनात्मक दृष्टिकोण, व्यवहारिक क्षमता, सामाजिक जुड़ाव और अनुशासन जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया गया।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के अंदरूनी मामलों को सड़क पर लाना अनुशासनहीनता है। किसी भी असहमति या सवाल को संगठन के भीतर समाधान के लिए रखना चाहिए। सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर संगठन की छवि को धूमिल करना पार्टी हित में नहीं है।
बैठक में कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और प्रकोष्ठों के पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक सौरभ सिंह, पूर्व प्रदेश महामंत्री संदीप बाजपेई, जिला महामंत्री अजय गर्ग, सरपंच नरेंद्र सैनी, ब्लॉक अध्यक्ष बकल मुकेश सराफ, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ महामंत्री संतोष यादव, जिला कांग्रेस प्रवक्ता अजय अहिंसा, डॉ के एल जैन, सादिक भाईजान, ताम सिंह पटेल, केशव नायक, गोवर्धन नायक, कुआं मीना पटेल, महेंद्र जैन, अनिल सिंह गौतम, रविंद्र बाजपेई, लक्ष्मण गर्ग, नरेंद्र पौराणिक, आर के पटेल, विमल सराफ, विजय पटेल, नरेंद्र जैन, के एल राय, राकेश राय, सेवा दल अध्यक्ष पंकज गौतम सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
सभी कार्यकर्ताओं ने इस पूरी प्रक्रिया को संगठन के पुनर्गठन की दिशा में एक प्रेरणादायक और समयानुकूल प्रयास बताया। बैठक और चर्चा के माध्यम से कार्यकर्ताओं में नेतृत्व के प्रति विश्वास और पारदर्शिता की भावना भी दिखाई दी।
यह आयोजन कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आत्मनिरीक्षण, पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देने का उदाहरण बना। पार्टी अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी नेतृत्व चयन की प्रक्रिया को लोकतांत्रिक और योग्यता आधारित बनाकर एक नया संदेश देने की दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है।