वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर जबलपुर में हुआ भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की ऐतिहासिक घोषणाएं।
मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर दी श्रद्धांजलि, श्री अन्न प्रोत्साहन योजना, अंतरराष्ट्रीय मैराथन, वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर और पाठ्यक्रम में रानी दुर्गावती का समावेश करने का किया ऐलान।
जबलपुर,ग्रामीण खबर mp:
24 जून को सम्पूर्ण राज्य में वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस को श्रद्धा और गर्व के साथ मनाया गया। जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती की समाधि स्थल पर इस अवसर पर एक भव्य और गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती के जीवन और योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि वे अद्वितीय पराक्रम, प्रशासनिक कौशल, जनहितकारी शासन और मातृभूमि के लिए बलिदान का प्रतीक हैं। उनका संपूर्ण जीवन लोककल्याण और स्वाभिमान की प्रेरक गाथा है। उन्होंने यह भी कहा कि रानी दुर्गावती की ऐतिहासिक स्मृतियाँ जबलपुर की आत्मा में बसी हुई हैं, और हमें उनका संरक्षण और प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती द्वारा स्थापित जल प्रबंधन प्रणाली की तरह अब जबलपुर के प्रमुख तालाबों का पुनरुद्धार किया जाएगा। उन्होंने रानीताल, आधारताल और ठाकुरताल जैसे ऐतिहासिक जलस्रोतों को वैज्ञानिक ढंग से संवारने के निर्देश दिए हैं, जिससे न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने एक नई योजना की घोषणा करते हुए बताया कि राज्य सरकार 'रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना' के तहत मिलेट उत्पादकों को अतिरिक्त ₹1000 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन देगी। इससे कोदो, कुटकी, ज्वार और बाजरा जैसी फसलें उगाने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस प्रोत्साहन राशि के बाद कुल समर्थन मूल्य ₹4000 प्रति क्विंटल तक पहुँच जाएगा। उन्होंने इसे प्रदेश में पोषण सुरक्षा और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
इसके अतिरिक्त उन्होंने जबलपुर में 'रानी दुर्गावती अंतरराष्ट्रीय मैराथन' शुरू करने की घोषणा की। अब तक यह दौड़ 19 किलोमीटर की होती थी, जिसे बढ़ाकर 21 किलोमीटर किया जाएगा। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वालों को क्रमशः ₹21,000, ₹11,000 और ₹5,000 का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने नगर निगम को इसके लिए ₹5 लाख की राशि आवंटित करने की स्वीकृति भी दी।
मुख्यमंत्री ने ठाकुरताल क्षेत्र में एक नया रानी दुर्गावती वन्यजीव जू एवं रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की भी घोषणा की। यह सेंटर घायल, बीमार और लावारिस वन्य प्राणियों की चिकित्सा और पुनर्वास हेतु कार्य करेगा। साथ ही यह जबलपुर में इको-टूरिज्म को भी नई पहचान देगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रभावी कदम होगा।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन, शासन-शैली, युद्ध नीति और त्याग को अब विद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभा सकें। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से भी आह्वान किया कि वे बच्चों को उनके ऐतिहासिक योगदान से अवगत कराएं।
कार्यक्रम स्थल पर जनसमुदाय की व्यापक उपस्थिति रही। विभिन्न जनजातीय समाजों, महिलाओं, विद्यार्थियों, स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने सहभागिता की। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, झांकियों, चित्र प्रदर्शनी और लोकनृत्यों के माध्यम से रानी दुर्गावती के जीवन की विविध झलकियाँ प्रस्तुत की गईं, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में विपक्ष पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चुनाव अभियान अब महाभारत की तरह आपसी संघर्ष और भ्रम का प्रतीक बन गया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी सुशासन, विकास और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है।
यह आयोजन न केवल एक ऐतिहासिक श्रद्धांजलि समारोह था, बल्कि यह जबलपुर और प्रदेश के लिए विकास, संरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम भी सिद्ध हुआ। वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रेरणा से अब मध्य प्रदेश सरकार जनहित में और भी अधिक संकल्पबद्ध होकर कार्य करेगी।