वंदे भारत एक्सप्रेस में बीजेपी विधायक के समर्थकों ने यात्री से की मारपीट, वीडियो वायरल।
झांसी स्टेशन पर सीट को लेकर हुआ विवाद बना हिंसा का कारण, CCTV में दिखी पिटाई की तस्वीरें, भाजपा विधायक ने घटना से पल्ला झाड़ा।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
दिल्ली से भोपाल जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार किसी तकनीकी कारण या सुविधा के लिए नहीं, बल्कि एक बेहद शर्मनाक और चिंताजनक घटना के चलते। बीते 19–20 जून की रात वंदे भारत एक्सप्रेस के एक्जीक्यूटिव क्लास कोच E‑2 में यात्रा कर रहे एक यात्री के साथ मारपीट की गई, और यह मारपीट किसी आम यात्रियों द्वारा नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा के कथित समर्थकों द्वारा की गई।
घटना झांसी रेलवे स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन थोड़ी देर के लिए वहां रुकी थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कोच में पहले से सीट पर बैठे एक यात्री से सीट बदलने को कहा गया, लेकिन यात्री द्वारा मना करने पर विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि विधायक के साथ मौजूद समर्थकों ने उस यात्री को पीटना शुरू कर दिया। यह पूरी घटना ट्रेन के CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि लगभग 5–6 युवक एक यात्री को घेरकर उस पर लात-घूंसे और चप्पलों से हमला कर रहे हैं। कई यात्रियों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन हमलावर युवकों ने किसी की एक न सुनी। घटना के दौरान कोच में अन्य यात्री भयभीत हो गए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पीड़ित यात्री की नाक पर गंभीर चोट आई और चेहरा भी सूज गया। ट्रेन से ही सूचना मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मामले को संज्ञान में लिया और झांसी में पीड़ित की शिकायत दर्ज की गई। पीड़ित ने आरोप लगाया कि हमलावर युवकों ने स्वयं को विधायक का आदमी बताया और धमकाते हुए कहा कि "जो करना हो कर लो, विधायक साथ हैं।"
घटना में भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा स्वयं भी कोच में मौजूद थे, हालांकि उन्होंने मारपीट से कोई संबंध होने से इनकार किया है। विधायक का कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी ही नहीं थी और उन्होंने अपने बचाव में यह भी जोड़ा कि पीड़ित यात्री ने भी उनसे अभद्रता की थी, जिसके विरुद्ध उन्होंने स्वयं एफआईआर दर्ज कराई है।
हालांकि इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी ने विधायक से स्पष्टीकरण मांगते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और यदि विधायक की भूमिका सिद्ध होती है तो अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने वायरल वीडियो का विश्लेषण प्रारंभ कर दिया है। RPF के अधिकारी ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है। रेल मंत्रालय ने भी इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है और यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है।
इस पूरे प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब हाई-सिक्योरिटी और प्रीमियम ट्रेन मानी जाने वाली वंदे भारत में इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं, तो आम ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा कितनी दुरुस्त है? क्या राजनेताओं के साथ चलने वाले तथाकथित समर्थकों को ट्रेन में गुंडागर्दी करने की खुली छूट है? क्या आम नागरिक की आवाज और सुरक्षा इस देश में दोयम दर्जे की होती जा रही है?
घटना को लेकर आम जनता में रोष है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार भाजपा और रेलवे प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। कई यात्रियों ने इस घटना को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए हैं कि कैसे ट्रेन में वीआईपी कल्चर आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
समाजसेवी संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पीड़ित यात्री ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि उसे मानसिक रूप से डराया-धमकाया जा रहा है और जान का खतरा महसूस हो रहा है।
रेल प्रशासन की ओर से घटना के बाद कोच की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अन्य यात्रियों से भी पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होते ही हमलावरों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ ट्रेन का तेज चलना ही उसकी सफलता नहीं होती, उसमें यात्रा कर रहे यात्रियों की गरिमा और सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। जनता अब यह देखना चाहती है कि क्या विधायक और उनके समर्थकों पर वही सख्ती दिखाई जाएगी जो आम नागरिक पर दिखाई जाती है, या फिर यह मामला भी किसी राजनीतिक दबाव में दबा दिया जाएगा।