सिहोरा मेरी जन्मभूमि है,जिला बनना चाहिए, इस मांग के साथ खड़ा हूं-बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडे।
शंख, घंटा, थाली बजाकर बहोरीबंद विधायक के घर के बाहर लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति का एक घंटे का जबरदस्त प्रदर्शन, विधायक ने जताया पूर्ण समर्थन।
सिहोरा,ग्रामीण खबर mp:
"जन्मभूमि कर रही पुकार, अब तो आगे आओ यार" जैसे गूंजते नारों और परंपरागत प्रतीकों जैसे शंख, घंटा, थाली के माध्यम से बुधवार को लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडे के निवास के बाहर एक घंटे तक जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में समिति के सदस्यों ने अपनी वर्षों पुरानी मांग – सिहोरा को जिला बनाए जाने – को लेकर निर्णायक तेवर अपनाते हुए सैकड़ों की संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई।
इस आंदोलन का विशेष पहलू यह रहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होते हुए भी प्रभावशाली था और जनता की भावनाओं की प्रतिध्वनि स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती थी। प्रदर्शन के बीच में ही बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडे स्वयं बाहर आए और समिति के सदस्यों को समझते हुए कहा कि सिहोरा केवल आंदोलनकारियों की नहीं, बल्कि उनकी भी जन्मभूमि है और वे भी दिल से चाहते हैं कि सिहोरा को जिला बनाया जाए।
विधायक ने समिति के प्रतिनिधियों को अपने निवास के भीतर आमंत्रित किया और एक बैठक में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने समिति को भरोसा दिलाया कि वे इस मांग को राजनीतिक मंचों और प्रशासनिक स्तरों पर पूरी गंभीरता से उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे सिहोरा के विधायक व नागरिकों के साथ समन्वय बनाकर इस मांग को हर जरूरी माध्यम से आगे बढ़ाएंगे।
प्रदर्शन के बाद समिति के सदस्यों विकास दुबे, नवीन शुक्ला और अनिल जैन ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शन के साथ ही नेताओं के घरों के बाहर प्रदर्शन का पहला चरण पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा 20 मार्च से लगातार विभिन्न भाजपा नेताओं के निवासों पर प्रदर्शन किए गए ताकि जनप्रतिनिधियों से सिहोरा को जिला बनाने की मांग के लिए सक्रिय सहयोग प्राप्त हो, लेकिन अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। इसी क्रम में बहोरीबंद विधायक के निवास पर बुधवार को हुआ यह प्रदर्शन इस चरण का अंतिम पड़ाव था।
समिति के पदाधिकारियों ने घोषणा की कि अब आंदोलन का दूसरा चरण और भी प्रभावशाली रूप में सामने लाया जाएगा। आगामी 6 जून को सिहोरा के बस स्टैंड पर विशाल धरना एवं आमसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सिहोरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भारी संख्या में जुटेंगे और अपनी जिला निर्माण की मांग को एक स्वर में पुनः दोहराएंगे। इस आमसभा के माध्यम से न केवल जनमत का संप्रेषण होगा बल्कि यह प्रदेश सरकार को एक स्पष्ट संदेश भी देगा कि सिहोरा अब अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो चुका है।
बुधवार को हुए प्रदर्शन में समिति के प्रमुख सदस्यों में रामजी शुक्ला, सुशील जैन, नंदू परौहा, संतोष पांडे, कृष्ण कुमार कुररिया, राजेंद्र गर्ग, अनिल कुररिया, गौरी हर राजे, नीतेश खरया, संतोष वर्मा, संजय पाठक, प्रदीप दुबे, जितेंद्र श्रीवास, नवनीत शुक्ला, मोहन सोंधिया, कंचन सेठ, अनिल खंपरिया सहित सिहोरा के अनेक जागरूक नागरिकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। सभी ने एक स्वर में सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को दोहराते हुए आगामी चरण के लिए तैयार रहने का संकल्प लिया।
यह प्रदर्शन न केवल राजनीतिक चेतना का प्रतीक था, बल्कि यह उस भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें नागरिक अपने क्षेत्र के विकास के लिए संगठित होकर आगे आते हैं। अब देखना यह होगा कि जनप्रतिनिधियों के समर्थन और जनदबाव के इस संगठित स्वर को सरकार किस गंभीरता से लेती है और सिहोरा को उसका बहुप्रतीक्षित जिला दर्जा कब तक प्राप्त होता है।