आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों का भव्य सम्मान समारोह, संविधान पर आघात के काले दिनों को किया गया याद।

 आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों का भव्य सम्मान समारोह, संविधान पर आघात के काले दिनों को किया गया याद।

भाजपा कार्यालय कटनी में आयोजित ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में लोकतंत्र रक्षकों ने साझा किए 1975 के आपातकाल के दर्दनाक अनुभव, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए दी गई कुर्बानियों को किया गया नमन।

कटनी,ग्रामीण खबर mp:

भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 का दिन एक काले अध्याय के रूप में जाना जाता है। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश में आपातकाल लागू किया गया था, जिसने भारत के संवैधानिक ढांचे, नागरिक अधिकारों एवं लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर गहरा आघात किया। इस ऐतिहासिक घटना की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी कार्यालय कटनी में ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सतना शंकर लाल तिवारी, संगठन के कटनी जिला अध्यक्ष विजयराघवगढ़ निवासी राम सुजान सोनी, लोकतंत्र सेनानी द्वारिका प्रसाद सोनी, गया प्रसाद चौरसिया,देवी दीन चौरसिया, भागचंद असाटी, अशोक शर्मा सहित कई प्रमुख सेनानी उपस्थित रहे। उनके साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं सेनानियों के परिजन भी गरिमामयी रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों के स्वागत, माल्यार्पण एवं शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित करते हुए किया गया। मंच संचालन के दौरान वक्ताओं ने 1975 में लगे आपातकाल की भयावहता को विस्तार से रेखांकित किया और बताया कि किस प्रकार एक व्यक्ति के पद बचाने के लिए पूरे संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति के अधिकार और नागरिक स्वतंत्रताओं को कुचल दिया गया था।

शंकर लाल तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इंदिरा गांधी द्वारा चुनाव में अयोग्य ठहराए जाने के बाद सत्ता की कुर्सी बचाने के लिए 25 जून 1975 की रात देशभर में आपातकाल घोषित किया गया। इसके बाद लाखों लोगों को बिना किसी मुकदमे या अपराध के जेल में बंद कर दिया गया, मीडिया पर सेंसरशिप लागू कर दी गई और विपक्षी नेताओं को दबाने के हर संभव प्रयास किए गए।

राम सुजान सोनी ने बताया कि वे स्वयं उस दौर के प्रत्यक्ष साक्षी हैं और किस प्रकार कटनी एवं आसपास के क्षेत्रों में हजारों युवाओं को जेलों में डाल दिया गया था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए उस समय अनेक निर्दोष लोगों ने महीनों जेल की यातनाएं सहीं और अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष खो दिए, लेकिन लोकतंत्र के मूल्यों से समझौता नहीं किया।

अन्य वक्ताओं ने भी 19 महीने तक चले आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे दमनकारी कालखंड बताते हुए इसे संविधान पर सीधा प्रहार करार दिया। इस दौरान तत्कालीन जनसंघ और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया और आखिरकार देश ने 1977 में आपातकाल से मुक्ति पाई।

कार्यक्रम के दौरान लोकतंत्र सेनानियों का मंच पर विधिवत सम्मान किया गया। शॉल एवं श्रीफल भेंट कर उनके साहस, संघर्ष एवं त्याग को नमन किया गया। सम्मानित होने वालों में रामरतन पायल (भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य),पीतांबर टोपनानी, सुरेश सोनी, सुनील उपाध्याय, कार्यक्रम प्रभारी अम्बरीष वर्मा, सहप्रभारी दीपक तिवारी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी शामिल रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करना था, बल्कि नई पीढ़ी को यह स्मरण कराना भी था कि लोकतंत्र की नींव किन संघर्षों से बनी है और उसका मूल्य क्या है। वक्ताओं ने यह भी आह्वान किया कि हमें सतत सतर्क रहना चाहिए ताकि भविष्य में फिर कभी ऐसा अंधकारपूर्ण समय हमारे लोकतंत्र पर न छा सके।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान एवं लोकतंत्र की रक्षा के संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित सभी जनों ने आपातकाल में अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाले सेनानियों को नमन किया और उनके त्याग को चिरस्मरणीय बताया।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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