शासकीय प्राथमिक शाला बसनियां जर्जर भवन में संचालित, जान जोखिम में डालकर हो रही बच्चों की पढ़ाई, प्रशासन बना मौन दर्शक।
चार वर्षों से लगातार की जा रही शिकायतों के बावजूद शिक्षा विभाग एवं जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं लिया संज्ञान, ग्रामीणों ने जबलपुर कलेक्टर से की त्वरित हस्तक्षेप की मांग।
जबलपुर,ग्रामीण खबर mp:
जबलपुर जिले के ग्रामीण अंचल में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला बसनियां (डाइस कोड 23390106001), जो जनपद शिक्षा केन्द्र जबलपुर, जिला पंचायत जबलपुर ग्रामीण एवं संकुल केन्द्र पिंडरई तथा जन शिक्षा केन्द्र नरई नाला के अंतर्गत आती है, इन दिनों बेहद चिंताजनक स्थिति से गुजर रही है। यहां बच्चों की शिक्षा एक ऐसे स्कूल भवन में चल रही है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
शाला भवन में कुल तीन कक्ष, एक पोर्च और एक किचन शेड है। दुर्भाग्यवश, इन सभी संरचनाओं की हालत बेहद खराब है – दीवारों में दरारें, छत से गिरता प्लास्टर, गंदगी और पानी की रिसाव जैसी स्थितियों ने विद्यालय को पूरी तरह असुरक्षित बना दिया है। छतों से वर्षा के पानी का रिसाव होता है। इसके बावजूद विद्यालय का संचालन इसी भवन में किया जा रहा है, जो बच्चों, शिक्षकों और स्टाफ के लिए किसी खतरे से कम नहीं है।
इस गम्भीर स्थिति की जानकारी ग्रामीणों एवं विद्यालय प्रबंधन द्वारा बीते चार वर्षों से लगातार उच्च अधिकारियों को दी जा रही है। ग्रामवासियों का कहना है कि लिखित आवेदन, फोटो प्रमाण, और मौखिक निवेदन के माध्यम से कई बार जिला शिक्षा विभाग, जनपद पंचायत और जिला पंचायत कार्यालय को सूचना दी गई है। किंतु आज तक कोई निरीक्षण तक नहीं किया गया, ना ही कोई मरम्मत कार्य शुरू किया गया है।
विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों की चिंता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार बारिश के दौरान छत से पानी टपकने के कारण बच्चों को एक कोने में खड़ा करके पढ़ाई कराई जाती है, या उन्हें वापस घर भेजना पड़ता है। बच्चे मानसिक रूप से भयभीत रहते हैं कि कब छत या दीवार गिर जाए। साथ ही, विद्यालय के रसोईघर की हालत भी इतनी खराब है कि मध्यान्ह भोजन बनाना भी जोखिम भरा हो गया है।
ग्रामीणों ने एक स्वर में मांग करते हुए कहा कि प्रशासन यदि समय रहते संज्ञान नहीं लेता, तो यहां कभी भी कोई अप्रिय दुर्घटना हो सकती है, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी लापरवाह अधिकारियों की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि गांव की जनसंख्या और बच्चों की संख्या को देखते हुए नए भवन की स्वीकृति दी जाए या तत्काल प्रभाव से पुरानी संरचना की संपूर्ण मरम्मत कराई जाए।
अब ग्रामीणों की अंतिम उम्मीद जिला प्रशासन और जबलपुर कलेक्टर से है। उन्होंने मांग की है कि वे स्वयं संज्ञान लेकर तत्काल इस विद्यालय भवन की स्थिति का निरीक्षण करें और शीघ्र मरम्मत या नव-निर्माण की कार्रवाई शुरू कराएं, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके और बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।