सिलौंडी में 21 वर्षीय युवक ने खेत में पेड़ से लटककर की आत्महत्या, क्षेत्र में फैली शोक की लहर।
राम बाग स्टेडियम के सामने खेत में ग्रामीणों को मिला शव, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई, पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंपा गया।
सिलौड़ी,ग्रामीण खबर mp:
कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम पिंडरई पिपरिया निवासी एक 21 वर्षीय युवक द्वारा आत्महत्या किए जाने की दर्दनाक घटना 6 जून 2025 को सिलौंडी क्षेत्र में सामने आई। युवक की पहचान रोहित कुमार पिता बालगोविंद चक्रवर्ती निवासी ग्राम पिंडरई पिपरिया थाना एवं तहसील ढीमरखेड़ा के रूप में की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहित कुमार ने दोपहर लगभग 3:30 बजे सिलौंडी में स्थित राम बाग स्टेडियम के सामने वाले खेत में एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खेत से गुजर रहे ग्रामीणों की नजर जब पेड़ पर लटके शव पर पड़ी, तो तत्काल उन्होंने सिलौंडी पुलिस चौकी को घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी विष्णु शंकर जायसवाल अपने स्टाफ सहित मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस ने मौके पर पंचनामा तैयार कर शव की पहचान की तथा मृतक के परिजनों को तत्काल सूचित किया गया। परिजनों के आने के पश्चात शव को पेड़ से नीचे उतारा गया और पोस्टमार्टम हेतु उमरिया पान अस्पताल भेजा गया। अगले दिन 7 जून को शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसके बाद उसे विधिवत परिजनों के सुपुर्द कर अंतिम संस्कार की अनुमति दी गई।
चौकी प्रभारी विष्णु शंकर जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और विधिवत कार्रवाई करते हुए पंचनामा बनाया गया। मृतक के परिजनों व मौके पर मौजूद ग्रामीणों से पूछताछ की गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर मर्ग कायम किया गया है और आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।
परिजनों के अनुसार मृतक रोहित कुछ समय से मानसिक तनाव में था, लेकिन आत्महत्या जैसा कदम वह उठाएगा, यह किसी ने नहीं सोचा था। परिजनों ने किसी तरह की आपराधिक आशंका से इनकार किया है, फिर भी पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।
इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। युवा उम्र में इस प्रकार की आत्महत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सामाजिक संगठनों और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाए और युवाओं को समय रहते परामर्श और सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि ऐसे दुखद कदम उठाने से उन्हें रोका जा सके।
वर्तमान में पुलिस द्वारा आत्महत्या के कारणों की गंभीरता से जांच की जा रही है। यदि इस मामले में कोई अन्य पहलू सामने आता है तो उसके आधार पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।