टीएल बैठक में अनुपस्थित जिला अधिकारी पर गिरी गाज, वेतन कटौती के आदेश।
कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी, आंगनबाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था सुधारने के निर्देश।
विदिशा,ग्रामीण खबर एमपी:
जिला मुख्यालय पर सोमवार को आयोजित समय-सीमा (टीएल) बैठक में कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने लंबित आवेदनों और विभागीय प्रगति की गहन समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला योजना अधिकारी की अनुपस्थिति पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया कि अनुपस्थित अधिकारी का एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से काटा जाए। कलेक्टर का यह निर्णय जिले में समयबद्ध कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करने की दिशा में सख्त प्रशासनिक रुख को दर्शाता है।
बैठक में कलेक्टर ने विशेष रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति पर चिंता जताते हुए समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि सभी केन्द्र निर्धारित समय पर खुलें तथा वहां उपस्थित बच्चों को शासन द्वारा निर्धारित सुविधाएं नियमित रूप से प्राप्त हो रही हों। उन्होंने खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और वितरण व्यवस्था की भी गहन मॉनिटरिंग कराने पर जोर दिया।
कलेक्टर गुप्ता ने निर्देशित किया कि प्रत्येक पटवारी सप्ताह में कम से कम एक दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां की वस्तुस्थिति की जानकारी उच्चाधिकारियों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि इन निरीक्षणों से न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी बल्कि बच्चों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की भी निरंतर समीक्षा हो सकेगी।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज ऐसे सभी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित किया जाए जो छह वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन बच्चों को स्कूल शिक्षा से जोड़ने के लिए विभागों के बीच समन्वय जरूरी है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए।
इसके अलावा कलेक्टर ने ऐसे गरीब बच्चों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए जो आश्रम में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों का प्रवेश आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम शालाओं में कराया जाए ताकि वे बेहतर वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि योग्य बच्चों की सूची तैयार कर उन्हें यथासमय प्रवेश दिलाया जाए।
कुल मिलाकर कलेक्टर अंशुल गुप्ता द्वारा की गई यह समीक्षा बैठक प्रशासनिक चुस्ती, अनुशासन और योजनाओं के सही क्रियान्वयन की दिशा में एक सशक्त प्रयास साबित हुई, जो जिले के विकास और नागरिकों की सुविधाओं को प्राथमिकता देने की उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करती है।