भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैन्य संघर्ष की आहट: भारतीय सेना ने एफ-16 को मार गिराया, आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' में दिखाया दम।
जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में पाकिस्तानी ड्रोन व मिसाइल हमलों को सेना ने विफल किया, भारत ने लाहौर व कराची स्थित आतंकी अड्डों को बनाया निशाना।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं। 8 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में ड्रोन और मिसाइल हमलों का प्रयास किया गया, जिसे भारतीय सेना की सतर्कता और सटीक कार्रवाई ने नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई करते हुए एक पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया, जिसे भारतीय रडार सिस्टम ने तत्काल पहचान कर लक्षित किया था।
सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना और थलसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान की ओर से की गई इस घुसपैठ और हमले के प्रयासों का करारा जवाब दिया है। भारतीय सेना ने इन हमलों के प्रतिउत्तर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसके तहत पाकिस्तान के भीतर स्थित कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इनमें लाहौर के बाहरी इलाके और कराची के पास के क्षेत्र शामिल हैं, जहाँ लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के अड्डों की पुष्टि पहले से खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई थी।
'ऑपरेशन सिंदूर' को भारतीय वायुसेना और सेना के विशेष बलों द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दिया गया। इसमें अत्याधुनिक हथियारों और सटीक निर्देशित मिसाइलों का प्रयोग किया गया। सैन्य सूत्रों के अनुसार इन हमलों में दर्जनों आतंकी ठिकानों को भारी क्षति पहुंची है, जबकि कई सक्रिय आतंकियों के मारे जाने की भी संभावना है।
पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया कि उसने भारतीय कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन भारत सरकार ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय क्षेत्र में कोई विशेष क्षति नहीं हुई है। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि देश की वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सक्षम और सक्रिय है, और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटनाक्रम के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से तत्काल संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और दोनों देशों के साथ संवाद बनाए हुए है। अमेरिकी सीनेट के वरिष्ठ सदस्य मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से बातचीत कर स्थिति की जानकारी प्राप्त की और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, थलसेनाध्यक्ष, वायुसेनाध्यक्ष और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने भाग लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सीमा पर निगरानी और सख्ती और अधिक बढ़ाई जाएगी तथा सभी सीमावर्ती इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा। सेना और वायुसेना को किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि या सैन्य चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला करेगा। उन्होंने आम नागरिकों से भी संयम बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
भारत और पाकिस्तान के बीच इस तरह का तनाव नई बात नहीं है, लेकिन इस बार की कार्रवाई पहले से कहीं अधिक संगठित और निर्णायक मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों पक्षों ने संयम न बरता तो यह स्थिति पूर्ण युद्ध में बदल सकती है, जिसका असर पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र पर पड़ेगा।
इन परिस्थितियों में पूरे देश की नजर सीमाओं पर तैनात जवानों और सरकार की अगली रणनीति पर टिकी है। भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न केवल आतंकी हमलों का जवाब देने में सक्षम है, बल्कि उन पर निर्णायक प्रहार करने की तैयारी और इच्छाशक्ति भी रखता है।