सूरदास आश्रम में कलश यात्रा संग आरंभ हुआ संगीतमय श्रीमद भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ।
भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से भक्तिमय वातावरण में आध्यात्मिक आयोजन।
खिरवा,पोंड़ी,सिमरिया:
भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा से एवं संत श्री अच्चतम गिरी महराज के आशीर्वाद व नेतृत्व मैं श्री सूरदास आश्रम, खिरवा पोंड़ी, सिमरिया में भव्य कलश यात्रा के साथ संगीतमय श्रीमद भागवत कथा एवं साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। यह दिव्य आयोजन दिनांक 20 फरवरी 2025 से प्रारंभ होकर 27 फरवरी 2025 को पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ संपन्न होगा।
कलश यात्रा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने भाग लिया, जो पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर भक्तिभाव से ओतप्रोत नजर आईं। यात्रा में मंगल ध्वनि के साथ भजन-कीर्तन एवं जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूरे गांव और आसपास के क्षेत्रों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
इस पावन अवसर पर यज्ञ आचार्य के रूप में श्री कार्तिक पाण्डेय (मैहर) उपस्थित रहे, जिन्होंने विधिवत मंत्रोच्चार और वेदों के शास्त्रोक्त नियमों से यज्ञ का शुभारंभ किया। वहीं कथा वाचक के रूप में श्रीधाम वृंदावन से पधारीं पूज्या सिया किशोरी जी ने भागवत कथा का वाचन किया। उन्होंने श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्ति योग, ज्ञान योग और कर्म योग पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक संदेश दिया। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, रासलीला एवं महाभारत के प्रसंगों का विस्तृत वर्णन किया गया, जिससे श्रोता भावविभोर हो उठे।
मुख्य यजमान के रूप में राममिलन पटेल (सिमरिया) उपस्थित रहे, जिनके नेतृत्व में इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। श्रीमद भागवत कथा के मुख्य श्रोता विनोद कुमार ज्योतिषी (सिमरिया), गंगो बाई यादव (परसेल), मुन्नी बाई यादव (सिमरिया) सहित अनेक श्रद्धालु भक्तजन इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित हुए।
आयोजन समिति के सदस्यों राजेश प्यासी, कमलेश कुमार ज्योतिषी, शशिकांत ज्योतिषी, रघुनंदन प्रसाद तिवारी, दिनेश शुक्ला, नीरज गौतम (बिहरिया), संजय पांडेय (बिहरिया), गुड्डा पटेल (बिहरिया), पप्पी पटेल (बिहरिया), राजेंद्र पटेल (बिहरिया), चैनू पटेल (बिहरिया) ने सभी धर्मप्रेमी जनता से अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करें।
सप्ताह भर चलने वाले इस आयोजन में प्रत्येक दिन अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठान, संकीर्तन एवं भजन संध्या का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से विद्वान संत एवं भक्तगण शामिल होंगे। कथा के समापन दिवस पर विशेष हवन-पूजन के साथ पूर्णाहुति की जाएगी एवं विशाल भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाएगा।
यह धार्मिक आयोजन न केवल आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनेगा, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों, सद्भाव एवं धार्मिक आस्था को और अधिक सुदृढ़ करेगा। श्रद्धालुओं को भक्ति, ज्ञान और धर्म की गंगा में स्नान करने का यह एक परम पावन अवसर प्राप्त हो रहा है।