सिहोरा ने हमारे परिवार को दी पहचान,अब जिले की लड़ाई में ईमानदारी,साहस और संकल्प के साथ अंतिम सांस तक खड़े होने का समय।

 सिहोरा ने हमारे परिवार को दी पहचान,अब जिले की लड़ाई में ईमानदारी,साहस और संकल्प के साथ अंतिम सांस तक खड़े होने का समय।

पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश पांडे ‘नन्हे बब्बू’ बोले,सिहोरा के स्वाभिमान और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी शक्ति से रहूँगा साथ,आंदोलनकारियों ने 6 दिसंबर से शुरू होने वाले चरणबद्ध कार्यक्रम का ऐलान किया।

सिहोरा,ग्रामीण खबर MP।

“सिहोरा ने हमारे परिवार को पहचान दी है, अब इस पवित्र भूमि के सम्मान और अधिकारों की रक्षा में खड़े होना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।” इन्हीं भावनाओं के साथ पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश पांडे ‘नन्हे बब्बू’ ने सिहोरा जिला आंदोलन के लिए अपना अटूट समर्थन घोषित किया। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जब युवा खून संघर्ष की मशाल थामकर सड़कों पर उतर आया है, जब कोई भूमि समाधि लेकर अपने जिले की मांग पर अडिग है, तब हम घर में बैठकर यह संघर्ष कमजोर नहीं होने दे सकते।

पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सिहोरा केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि भावनाओं, इतिहास और संघर्ष की धरती है। यहां के लोगों ने वर्षों से यह सपनों का जिला बनाने के लिए कई बार आवाज उठाई है—अब यह आवाज निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी नागरिकों, युवाओं, वरिष्ठों, सामाजिक संगठनों और व्यापारी वर्ग से भी इस निर्णायक लड़ाई में आगे आने का आव्हान किया।

पत्रकार वार्ता के दौरान वर्ष 1999 से लेकर अब तक सिहोरा जिला आंदोलन की मशाल को जलाए रखने वाले पुराने आंदोलनकारी भी साथ नजर आए। इनमें रमेश पटेल, साधना जैन, अमोल चौरसिया, सुनील जैन सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब यह संघर्ष आर–पार का होगा, और पूरे क्षेत्र में जनजागरण अभियान चलाकर समर्थन जुटाया जाएगा।

समिति की ओर से व्यापक कार्यक्रम का ऐलान।

लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने प्रेस वार्ता में आगामी आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा घोषित की। 6 दिसंबर से अन्न सत्याग्रह और 9 दिसंबर से आमरण सत्याग्रह शुरू किया जाएगा। समिति ने बताया कि 18 से 26 नवंबर के मध्य सिहोरा–खितौला नगर के प्रत्येक घर तक जाकर एक-एक नागरिक को 9 दिसंबर के आमरण सत्याग्रह में सम्मिलित होने का आमंत्रण दिया जाएगा।

20 नवंबर से 30 नवंबर तक सिहोरा विकासखंड की 60 ग्राम पंचायतों का दौरा कर वहां आमसभाएँ आयोजित की जाएँगी। इन सभाओं में सिहोरा जिला बनने से होने वाले लाभों की जानकारी दी जाएगी और नागरिकों से आंदोलन में आगे आने की अपील की जाएगी।

इसके अतिरिक्त 23 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच बाकल, बहोरीबंद, कुआ, पान उमरिया, ढीमरखेड़ा, सिलौंडी और स्लीमनबाद क्षेत्रों का व्यापक दौरा कर स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से समर्थन जुटाया जाएगा। आंदोलन समिति ने बताया कि यह दौरा जिले की मांग को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण चरण होगा।

4 दिसंबर को एक विशाल वाहन रैली निकालकर जनसमर्थन का प्रदर्शन किया जाएगा। समिति का कहना है कि यह रैली सिहोरा जिला आंदोलन की दृढ़ता और जनता की ताकत का प्रतीक होगी।

जनप्रतिनिधियों से समर्थन जुटाने की पहल।

लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने कहा कि आंदोलन शुरू होने से पहले वे वर्तमान व पूर्व विधायक, सांसदों, पंचायत जनप्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक संगठनों से मिलकर सिहोरा जिला की मांग को गंभीरता से उठाने का आग्रह करेंगे। समिति का कहना है कि यह केवल आंदोलन नहीं, बल्कि सिहोरा की आने वाली पीढ़ियों की भविष्य-योजना से जुड़ा मुद्दा है।

पुराने आंदोलनकारी और युवा संगठनों के एकजुट होने के बाद सिहोरा जिला आंदोलन ने एक बार फिर मजबूती और गति पकड़ ली है। नागरिकों में विश्वास बढ़ा है कि इस बार यह लंबा संघर्ष निर्णायक मुकाम तक पहुंच सकता है। सिहोरावासियों को उम्मीद है कि उनका वर्षों पुराना सपना—सिहोरा जिला—अब हकीकत बनने की दिशा में एक मजबूत कदम आगे बढ़ चुका है।

ग्रामीण खबर MP-

जनमानस की निष्पक्ष आवाज

प्रधान संपादक:अज्जू सोनी संपर्क:9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post