उपयंत्री आनंद उसरेठे पर झूठा प्रतिवेदन देने और सीएम हेल्पलाइन शिकायत बंद कराने का आरोप।

 उपयंत्री आनंद उसरेठे पर झूठा प्रतिवेदन देने और सीएम हेल्पलाइन शिकायत बंद कराने का आरोप।

माध्यमिक शाला महगवां देगवा की बाउंड्रीवाल में गड़बड़ी उजागर, 85 मीटर निर्माण को 110 मीटर बताने का मामला सामने आया।

ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर mp:

कटनी जिले की जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा अंतर्गत ग्राम महगवां देगवा में स्थित माध्यमिक शाला की नव निर्मित बाउंड्रीवाल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। शिकायतकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में की गई शिकायत की जांच में सामने आया है कि स्कूल परिसर में बनाई गई बाउंड्रीवाल की लंबाई केवल 85 मीटर है, जबकि उपयंत्री आनंद उसरेठे ने अपने जांच प्रतिवेदन में इस निर्माण कार्य को 110 मीटर दर्शाया है।

उपयंत्री आनंद उसरेठे द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में न केवल निर्माण की वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, बल्कि शिकायत को द्वेषपूर्ण, निराधार और विलोपन योग्य बताया गया है। सबसे हैरानी की बात यह है कि शिकायत को सीएम हेल्पलाइन पोर्टल से फर्जी तरीके से बंद भी करवा दिया गया।

मामला तब उजागर हुआ जब शिकायतकर्ता ने दोबारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज की। इसके बाद उपयंत्री अजय केशरवानी मौके पर पहुंचे और ग्रामवासियों की उपस्थिति में बारीकी से जांच की। जांच उपरांत अजय केशरवानी ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि बाउंड्रीवाल केवल 85 मीटर तक ही बनी है, न कि 110 मीटर जैसा कि पहले बताया गया था।

इस असंगति ने उपयंत्री आनंद उसरेठे की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। उनके द्वारा कार्य का मूल्यांकन माप पुस्तिका क्रमांक 540 में दर्ज किया गया है, जिसे सहायक यंत्री द्वारा सत्यापित किया गया था। इसके बावजूद उनके प्रतिवेदन में कहा गया कि निर्माण कार्य में कोई अनियमितता नहीं पाई गई और शिकायतकर्ता ने दुर्भावना से शिकायत की है।

गांव के जागरूक नागरिकों का कहना है कि यदि वास्तव में 110 मीटर की बाउंड्रीवाल बनी होती, तो दो अलग-अलग अधिकारियों की जांच में इतने गंभीर अंतर सामने नहीं आते। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उपयंत्री आनंद उसरेठे ने ग्राम पंचायत महगवां देगवा के सरपंच एवं सचिव से मिलकर मिलीभगत की और संभवतः इस पूरी प्रक्रिया में मोटी रकम की लेन-देन भी हुई है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि शिकायत को दबाने के लिए सीएम हेल्पलाइन पोर्टल का दुरुपयोग किया गया, जो शासन-प्रशासन की पारदर्शिता को सीधे-सीधे चुनौती देता है। इससे ना केवल जनसुनवाई की प्रक्रिया पर से लोगों का भरोसा टूटता है, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है।

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष, उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर उपयंत्री आनंद उसरेठे, ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।

यह मामला अब सिर्फ एक बाउंड्रीवाल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरी व्यवस्था की पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही पर गहरी चोट करता है। यदि ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह उदाहरण बन जाएगा कि किस प्रकार सरकारी तंत्र में बैठे कुछ भ्रष्ट तत्व व्यक्तिगत लाभ के लिए व्यवस्था को ध्वस्त कर सकते हैं।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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