संस्कार,साधना और समर्पण से संवरता है जीवन – समर कैंप समापन समारोह में कलेक्टर का संदेश।
ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में समर कैंप का समापन, बच्चों के व्यक्तित्व विकास की मिली प्रेरणा, अतिथियों ने दिए जीवनमूल्यों से भरपूर संदेश।
विदिशा,ग्रामीण खबर mp:
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ए-33 मुखर्जी नगर सेवा केंद्र में आयोजित समर कैंप का समापन समारोह आत्मिक ऊर्जा और जीवनमूल्य आधारित विचारों से भरपूर रहा। मुख्य अतिथि कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि जैसे-जैसे हम अच्छे बनते हैं, वैसे-वैसे समाज भी अच्छा बनता है। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों को संस्कार निर्माण की सुंदर प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि आज का युग मोबाइल और सोशल मीडिया की गिरफ्त में है, जो हमारी उन्नति में बाधक बन रहा है। इसका सदुपयोग और सीमित उपयोग ही हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकता है।
कलेक्टर ने बच्चों को संदेश दिया कि खेल-खेल में जो जीवन के दैवी गुण उन्होंने सीखे हैं, उन्हें अपने आचरण में अपनाएं। उन्होंने कहा कि दुनिया में फूल तो अनेक प्रकार के हैं, पर हमें गुलाब की तरह बनना है जो चारों ओर खुशबू फैलाए। साथ ही उन्होंने समर कैंप में बच्चों को भेजने के लिए अभिभावकों का धन्यवाद किया।
ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने बच्चों को एक कोमल मिट्टी की तरह बताया, जिसे एक कुम्हार की भांति अंदर-बाहर दोनों से गढ़ा जाता है। उन्होंने कहा कि इस समर कैंप के माध्यम से बच्चों का न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक व्यक्तित्व भी निखरा है। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जीवन में जिज्ञासा होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही सफलता की ओर प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि मन को मेडिटेशन और ध्यान के माध्यम से खुश रखें, जिससे मन चार्ज होता है और ग्रहण करने की शक्ति बढ़ती है।
उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि हमें किसी से तुलना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि तुलना करने से मन पर नकारात्मक असर पड़ता है और हम स्वयं को कमजोर महसूस करने लगते हैं। आंतरिक शांति और एकाग्रता को बनाए रखने के लिए ध्यान आवश्यक है।
जिला वन अधिकारी हेमंत यादव ने समर कैंप में बच्चों के भीतर आए सकारात्मक बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से भारतीय संस्कृति का पुनर्जागरण संभव है। वरिष्ठ समाजसेवी अतुल शाह ने बच्चों को प्रतिदिन सुबह उठते ही माता-पिता के चरण स्पर्श करने का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि माता-पिता का आशीर्वाद जीवन के हर संघर्ष में ढाल बन जाता है और एक प्रणाम सारी जिंदगी बदल सकता है।
लायंस क्लब अध्यक्ष अरुण सोनी ने कहा कि बच्चों के चारित्रिक और नैतिक विकास से ही समाज और राष्ट्र का विकास संभव है। व्यक्तित्व विकास का अर्थ केवल शिक्षा नहीं बल्कि धैर्य, परखने की शक्ति और व्यवहार में छिपा होता है।
कार्यक्रम के अंत में कलेक्टर अंशुल गुप्ता एवं अन्य अतिथियों द्वारा बच्चों को प्रमाण पत्र एवं उपहार वितरित किए गए। इस अवसर पर पूर्व विधायक मेहताब सिंह यादव, फॉरेस्ट रेंजर पिंकी रघुवंशी, उमेश ताम्रकार सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।