कटनी में मनोकामना मंदिर के सामने दीवार तोड़ने पहुंचे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज।

 कटनी में मनोकामना मंदिर के सामने दीवार तोड़ने पहुंचे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज।

रेलवे द्वारा खड़ी दीवार हटाने की मांग को लेकर पहुंचे बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने की सख्ती, एक दर्जन से ज्यादा घायल, एसडीएम को भी लगी चोट।

कटनी (ग्रामीण खबर MP)। 

मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक बार फिर धार्मिक भावना से जुड़ा मामला चर्चा में है। कटनी जंक्शन रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित प्रसिद्ध मनोकामना मंदिर, जहां भगवान श्रीराम और हनुमानजी की प्रतिमाएं स्थापित हैं, के सामने खड़ी की गई दीवार को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है।

करीब आठ साल पहले रेलवे प्रशासन द्वारा मंदिर के ठीक सामने एक दीवार का निर्माण कराया गया था। इस दीवार के चलते श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन में असुविधा होती है, साथ ही धार्मिक संगठनों का कहना है कि यह आस्था के साथ खिलवाड़ है। तभी से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा दीवार को हटाने की मांग उठती रही है।

बीते दो वर्षों से इस विषय को लेकर आंदोलन चल रहा है। इन संगठनों का कहना है कि वे कई बार जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों से इस मामले में निवेदन कर चुके हैं। लगभग दो महीने पहले भी प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द दीवार हटाने की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

इसी को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने 23 मई तक की समयसीमा तय करते हुए चेतावनी दी थी कि यदि दीवार नहीं हटाई गई, तो वे स्वयं इसे हटाने का कदम उठाएंगे। निर्धारित समयसीमा के बीत जाने के बाद रविवार को बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मंदिर के सामने एकत्र हुए।

कार्यकर्ताओं ने पहले मंदिर में पूजा-अर्चना कर भगवान के दर्शन किए और फिर नारेबाजी करते हुए हथौड़े, सब्बल और अन्य औजारों से दीवार तोड़ना शुरू कर दिया। जैसे ही स्थिति तनावपूर्ण होती गई, वैसे ही मौके पर पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए।

पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे और दीवार को तोड़ने का प्रयास जारी रखा। इस स्थिति में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। लाठीचार्ज के दौरान एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए, वहीं घटनास्थल पर मौजूद एसडीएम को भी चोट लगने की सूचना है।

प्रदर्शन के दौरान कई बार स्थिति बेकाबू होती दिखी, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती से हालात नियंत्रण में लाए गए। फिलहाल मंदिर के सामने तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और बजरंग दल के कार्यकर्ता धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक दीवार को पूरी तरह से नहीं हटाया जाएगा, तब तक वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।

इस घटनाक्रम ने जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धार्मिक आस्था से जुड़ा यह मुद्दा लंबे समय से अधर में लटका हुआ है। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस विषय पर कोई निर्णायक कदम उठाता है या नहीं।

मंदिर से जुड़ी इस दीवार को लेकर कटनी जिले में पहले भी कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन देकर मामला शांत करने की कोशिश की गई। अब जब मामला हिंसक झड़प में बदल गया है और प्रशासनिक अधिकारी तक चोटिल हो चुके हैं, तब भी यदि ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो यह विवाद और गहराने की आशंका है।

स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर उनकी श्रद्धा का केंद्र है और उसके सामने खड़ी की गई दीवार न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता को भी दर्शाती है।

अब समूचे जिले की निगाहें इस मुद्दे पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस बार वादे के अनुरूप कार्रवाई करेगा या फिर यह आंदोलन और अधिक उग्र रूप लेगा।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
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