सिलौंडी में सेंट्रल बैंक के पास राहगीरों की प्यास बुझाने हेतु जागरूकता समिती द्वारा सार्वजिक प्याऊ का भव्य शुभारंभ।
जागरूकता समिती की अनूठी जनसेवा पहल, अब राहगीरों और आम नागरिकों को मिलेगा शुद्ध व ठंडा पेयजल।
सिलौंडी,ग्रामीण खबर mp:
सिलौंडी गांव में गर्मी की तीव्रता और राहगीरों की आवश्यकता को समझते हुए जागरूकता समिती ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए सेंट्रल बैंक के पास सार्वजिक प्याऊ की स्थापना की है। इस प्याऊ का उद्घाटन ग्रामीण समाजसेवा की भावना को साकार करते हुए किया गया, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और समिति के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस सार्वजनिक प्याऊ का शुभारंभ सिलौंडी मंडल अध्यक्ष मनीष सिंह बागरी के कर-कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर ग्राम पंचायत के सरपंच पंचों संतोष कुमार, जागरूकता समिती के संरक्षक अमरीश राय, गणेश राय, कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. रति राम अहिरवार, समिति सदस्य आदित्य राय, अतुल नामदेव, धीरज जैन समेत अनेक ग्रामीणजन एवं समिति कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान संरक्षक अमरीश राय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्याऊ गांव की उन आवश्यकताओं में से एक थी, जिसे लंबे समय से महसूस किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2018 को गठित जागरूकता समिती का उद्देश्य ग्रामीणों को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना तथा सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभाना रहा है।
समिति ने विगत वर्षों में भी स्वच्छता अभियान, पौधारोपण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य शिविर जैसे कई जनहितकारी कार्यक्रम आयोजित किए हैं। यह प्याऊ उसी श्रृंखला की एक और महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे न सिर्फ सेंट्रल बैंक के बाहर ठहरने वाले ग्रामीणों को राहत मिलेगी, बल्कि राहगीरों, यात्रियों एवं आसपास के दुकानदारों को भी गर्मी में ठंडा व स्वच्छ पानी मिलेगा।
प्याऊ की देखरेख और सफाई के लिए समिती ने एक शेड्यूल भी तैयार किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल सदा स्वच्छ एवं ठंडा बना रहे। यह व्यवस्था पूर्णतः समाजसेवी भावना के अंतर्गत की गई है और इसमें किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं ली गई है।
ग्रामीणों ने इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की है और अन्य सामाजिक संगठनों से भी ऐसी जनसेवा गतिविधियों में भाग लेने की अपील की है।
यह आयोजन न केवल ग्राम सिलौंडी में जनहित की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायी उदाहरण भी है कि छोटे-छोटे प्रयास मिलकर किस प्रकार समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।