हर शासकीय उचित मूल्य दुकान पर अब अलग-अलग विक्रेता की व्यवस्था से उपभोक्ताओं को मिलेगा राहत का रास्ता।
जिला पंचायत अध्यक्ष गीता कैलाश रघुवंशी की दूरदर्शी पहल पर जनहित में लिया गया अहम प्रशासनिक निर्णय, राशन वितरण व्यवस्था होगी अधिक पारदर्शी और नियमित।
विदिशा:
जनहित को सर्वोपरि मानते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष गीता कैलाश रघुवंशी ने एक बार फिर ग्रामीण जनता की समस्याओं पर संजीदगी से ध्यान देते हुए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पहल की है। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों का दौरा करते समय उन्हें यह देखने को मिला कि कई स्थानों पर सहकारी समितियों के अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दो-दो दुकानों पर एक ही विक्रेता कार्यरत है। इस व्यवस्था से साफ जाहिर हुआ कि एक व्यक्ति द्वारा एक साथ दो दुकानों का संचालन सुचारू रूप से कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था। परिणामस्वरूप कई बार उपभोक्ताओं को समय पर राशन नहीं मिल पाता था, जिससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था।
इस जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रघुवंशी ने इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु तुरंत पहल करते हुए जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति एवं सामान्य सभा में यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि जिले की प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर पृथक-पृथक विक्रेता की नियुक्ति की जाए। उनका यह प्रस्ताव जनहित में अत्यंत आवश्यक और व्यवहारिक माना गया, जिसे समिति ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इस प्रस्ताव के पारित होते ही जिला प्रशासन ने भी तत्परता दिखाई। जिला कलेक्टर विदिशा द्वारा महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक विदिशा को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए कि जिले में संचालित सभी उचित मूल्य की दुकानों पर जल्द से जल्द अलग-अलग विक्रेताओं की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी दुकान के संचालन में बाधा न आए और उपभोक्ताओं को समय पर आवश्यक खाद्यान्न उपलब्ध हो सके।
यह निर्णय जिले की राशन प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह एवं नियमित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लाखों उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, जिनके लिए उचित मूल्य की दुकानें ही सस्ता और सुलभ राशन प्राप्त करने का मुख्य माध्यम हैं। अब प्रत्येक दुकान पर अलग विक्रेता होने से संचालन का समय तय रहेगा, लंबी कतारों और असमय दुकान बंद रहने की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष गीता कैलाश रघुवंशी की यह दूरदर्शी पहल केवल प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि जनसेवा की भावना का प्रतीक है। इस कदम से यह भी प्रमाणित होता है कि स्थानीय प्रशासन यदि चाहे तो छोटी-छोटी व्यवस्थागत खामियों को दूर कर आम जनता को राहत दे सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस फैसले की व्यापक सराहना की जा रही है और लोग इसे एक व्यावहारिक एवं हितकारी निर्णय मान रहे हैं।